छात्रा ने आत्महत्या के लिए ऑनलाइन मंगाई थी रस्सी, जानिए क्या कहता है 5 पन्ने का सुसाइड नोट

mahi rajput
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कानपुर,11 अक्टूबर 2024

हाल ही में कानपुर आईआईटी की एक छात्रा ने फांसी लगा ली थी। तफ्तीश में जुटी कानपुर पुलिस की मानें तो छात्रा ने आत्महत्या के लिए रस्सी ऑनलाइन मंगाई थी। आत्महत्या के पहले उसने एक नोट लिखा जिसमें दोस्तों को शुक्रिया कहा है।

ढाई साल से कर रही थी रिसर्च

आईआईटी कानपुर के हॉस्टल में रहने वाली प्रगति ढाई साल से वहां रह कर रिसर्च कर रही थी। प्रगति गुरुवार के दिन क्लास में भी नहीं आई थी। उसके दोस्तों ने कई बार उसे फोन भी किया पर मोबाइल नहीं उठा तो हॉस्टल जाकर वार्डन को जानकारी दी। वार्डन के साथ कमरे के बाहर खड़े होकर जब दोस्तों ने प्रगति को फोन किया। तो उसके मोबाइल की रिंगटोन बाहर सुनाई दे रही थी।

खिड़की से देखा तो उड़ गए होश

मोबाइल ना उठने पर जब कमरे के रोशनदान से झांक कर देखा गया तो प्रगति का शव रस्सी के सहारे झूलता दिखाई दिया। इसके बाद वार्डन ने आईआईटी प्रबंधन को इसकी जानकारी दी। जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने कमरे की छानबीन शुरु की तो मौके से रस्सी की ऑनलाइन डिलीवरी का एक खाली पैकेट, स्टूल और पलंग मिला जिसका प्लाई टूटी हुई थी।

तो क्या ऑनलाइन मंगाई थी रस्सी?

मौके से मिले ऑनलाइन डिलीवरी के खाली पैकेट को भी पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। पुलिस का मानना है कि छात्रा ने सुसाइड के लिए ही रस्सी ऑनलाइन मंगवाई थी। इसके साथ ही पुलिस को पांच पन्ने का सुसाइड नोट भी बरामद हुआ।

क्या कहता है 5 पन्ने का सुसाइड नोट?

छात्रा ने सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं अपनी मौत की खुद जिम्मेदार हूं। सुसाइड नोट में प्रगति ने अपने दोस्तों के लिए लिखा ‘आप लोगों ने मुझे बहुत कोऑपरेट किया, थैंक्स’। मैं जिन्दगी में और बेहतर कर सकती थी, लेकिन कर नहीं सकी। मैं स्वीमिंग करने नहीं जा पाई। जिम नहीं जा पा रही हूं। अपनी जिन्दगी से संतुष्ट नहीं हूं। मुझे काफी कुछ करना था। जिसे मैं चाहकर भी नहीं सकी। पहले पन्ने में उसने एक लड़के का नाम, उसका मोबाइल नंबर और उसे कॉल करने की बात लिखी है और सारा पैसा और गहने उसको देने को कहा है। अगले पन्ने में जिन्दगी का दर्द और असफलता की बात कही है। लिखा कि बहुत कुछ कर सकती थी, लेकिन कर नहीं पा रही हूं। आपको बता दें कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैंगिंग की पुष्टि हुई है। प्रगति ने सुसाइड नोट में किसी को भी मौत का जिम्मेदार नहीं ठहराया है।

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