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वाराणसी : गंगा की निर्मलता के लिए जर्मन आध्यात्मिक गुरु का अनोखा प्रयास, छोड़ीं 10 हजार मछलियां

अंशुल मौर्य

वाराणसी, 25 मार्च 2025:

गंगा नदी की स्वच्छता और पवित्रता बनाए रखने के लिए कई स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में जर्मनी से आए आध्यात्मिक गुरु थामस गेरहार्ड ने मंगलवार को काशी में एक प्रेरणादायक पहल की। उन्होंने गंगा के जल में 10 हजार मछलियां छोड़ीं, जो नदी की गंदगी को साफ करने में मदद करेंगी।

काशी को बताया दुनिया का खास आध्यात्मिक शहर

इस पहल में थामस के साथ थाईलैंड की अजान यानरवी चंद्रकद मोत्री, जिन्हें प्यार से “बड़ी मां” कहा जाता है, और 15 अन्य सहयोगी भी शामिल हुए। थामस ने बताया कि उनका उद्देश्य न केवल गंगा को स्वच्छ बनाना है, बल्कि सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति को गहराई से समझना भी है। थामस ने काशी को दुनिया का सबसे खास आध्यात्मिक शहर बताया। इस पहल का आयोजन होली सोल चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष जनार्दन यादव किया ओर से किया गया। इसमें “बड़ी मां” ट्रस्ट की संरक्षक के रूप में उपस्थित रहीं। गंगा में छोड़ी गई मछलियों को विशेष रूप से इसलिए चुना गया क्योंकि ये गंदगी को खाकर जल को स्वच्छ बनाए रखने में सहायक होती हैं।

मणिकर्णिका घाट से मिली प्रेरणा

इस अनूठी पहल के पीछे की प्रेरणा भी रोचक है। “बड़ी मां” ने बताया कि मणिकर्णिका घाट पर शवदाह के दौरान कुछ अवशेष गंगा में छोड़ दिए जाते हैं, जिससे जल प्रदूषित होता है। इसी को देखते हुए थामस और उन्होंने मछलियां छोड़ने का निर्णय लिया, ताकि ये मछलियां अवशेषों को खाकर गंगा की शुद्धता को बनाए रखें।

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