वाराणसी, 21 मार्च 2025:
वाराणसी नगर निगम (वीएमसी) और स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को वीएमसी कार्यालय में कोल्ड फॉगिंग तकनीक का परीक्षण किया।
नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि इस नवाचार तकनीक में फॉगिंग मशीनों में डीजल के स्थान पर पानी का उपयोग किया जाता है। “भविष्य में, इस नई तकनीक का उपयोग प्रारंभिक स्तर पर कुछ संवेदनशील वार्डों में किया जाएगा, जिससे हमें मच्छर जनित बीमारियों पर बेहतर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी।”
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने पारंपरिक और नई विधियों के बीच तकनीकी अंतरों पर प्रकाश डाला: “जहां थर्मल फॉगिंग में धुआं पैदा करने के लिए कीटनाशकों के साथ डीजल का उपयोग किया जाता है, वहीं कोल्ड फॉगिंग में धुएं के बजाय धुंध उत्पन्न करने के लिए पानी के साथ कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि यह नवाचार मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण में महत्वपूर्ण सुधार लाएगा।
जिला मलेरिया अधिकारी शरत चंद्र पांडे ने बताया कि इस विधि के लिए 2% डेल्टामेथ्रिन ईडब्ल्यू (इमल्शन वाटर) को पानी में मिलाया जाता है। उन्होंने कहा कि धुआं रहित होने से प्रदूषण पर रोक लगेगी और फॉगिंग से मानव स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।