अंशुल मौर्य
वाराणसी, 3 दिसम्बर 2024:
उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में गिरते जलस्तर को स्थिर करने और जल संकट से निपटने के लिए एक अनूठा प्रयोग शुरू किया गया है। वाराणसी में 6900 खराब बोर अब जल संचयन (रेन हार्वेस्टिंग) के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे। इस पहल के तहत हर बोर को 6-7 घरों से जोड़ा जाएगा, जिससे कुल मिलाकर करीब 50 हजार घरों को इसका लाभ मिलेगा। इन घरों से बारिश का पानी सीधे इन बोर के माध्यम से जमीन के भीतर जाएगा, जिससे जलस्तर बढ़ाने में मदद मिलेगी।
कैसे काम करेगा यह प्रयोग?
इस योजना के तहत, पहले शहर में करीब सभी खराब बोर को चिह्नित किया गया है। इन बोरों के पास एक विशेष चैंबर बनाकर उसे रेन हार्वेस्टिंग के मानकों के अनुसार तैयार किया जाएगा। इसके बाद इन बोर को आसपास के घरों से जोड़ा जाएगा, ताकि बारिश का पानी सीधे जमीन के भीतर पहुंच सके। यह उत्तर प्रदेश में अपनी तरह का पहला प्रयोग है।
शहर के लिए ऐतिहासिक कदम
सीडीओ हिमांशु नागपाल ने बताया कि इस योजना को सफल बनाने के लिए सभी तकनीकी पहलुओं पर विशेषज्ञों से चर्चा की गई है। आईआईटी बीएचयू के प्रोफेसर पी.के. मिश्रा ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “अगर यह प्रयोग सफल होता है, तो यह जल संचयन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा।”
दीर्घकालिक लाभ
इस प्रयोग से न केवल गिरते जलस्तर को स्थिर किया जा सकेगा, बल्कि शहर के जल संकट को भी कम करने में मदद मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस परियोजना को और अधिक विस्तारित किया जाए और डेढ़ लाख घरों को इस सिस्टम से जोड़ा जाए, तो शहर में जल स्तर को लंबे समय तक स्थिर रखने में सफलता मिल सकती है।
वाराणसी में इस अनूठे प्रयास से जल संरक्षण और प्रबंधन की दिशा में एक नई उम्मीद जगी है। यदि यह मॉडल सफल होता है, तो इसे पूरे प्रदेश और देश में अपनाया जा सकता है।