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Maharashtra

“हम हिंदू हैं, लेकिन हिंदी नहीं” महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाए जाने पर भड़के राज ठाकरे

ankit vishwakarma
Last updated: April 18, 2025 12:02 pm
ankit vishwakarma 5 months ago
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मुंबई, 18 अप्रैल 2025

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने गुरुवार को राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के कार्यान्वयन के तहत स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाए जाने का विरोध किया। इस कदम का विरोध करते हुए राज ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी इस अनिवार्यता को बर्दाश्त नहीं करेगी और केंद्र को महाराष्ट्र में आगे बढ़ने के लिए हर चीज को “हिंदीकृत” करने की अनुमति नहीं देगी।

एनईपी 2020 के कार्यान्वयन के बाद, 2025-26 शैक्षणिक वर्ष से मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों के लिए हिंदी अनिवार्य तीसरी भाषा होगी।

राज ठाकरे ने एक्स पर जो पोस्ट लिखा है, उसमें लिखा है, “हम हिंदू हैं, लेकिन हिंदी नहीं! अगर आप महाराष्ट्र को हिंदी के रूप में चित्रित करने की कोशिश करेंगे, तो महाराष्ट्र में संघर्ष होना तय है। अगर आप यह सब देखेंगे, तो आपको लगेगा कि सरकार जानबूझकर यह संघर्ष पैदा कर रही है। क्या यह सब आगामी चुनावों में मराठी और गैर-मराठी लोगों के बीच संघर्ष पैदा करने और इसका फायदा उठाने की कोशिश है?” मनसे प्रमुख ने यह भी कहा कि हिंदी राष्ट्रीय भाषा नहीं है, फिर इसे महाराष्ट्र में छात्रों को “शुरू से ही” क्यों पढ़ाया जाना चाहिए।

ठाकरे ने लिखा, “आपका त्रिभाषी फॉर्मूला जो भी हो, उसे सरकारी मामलों तक सीमित रखें, शिक्षा में न लाएं। इस देश में भाषाई क्षेत्रीयकरण किया गया और यह कई वर्षों तक चला। लेकिन आपने अभी महाराष्ट्र पर दूसरे क्षेत्र की भाषा क्यों थोपना शुरू किया है? भाषाई क्षेत्रीयकरण के मूल सिद्धांत को कमजोर किया जा रहा है।”

एनईपी 2020 कार्यान्वयन :

महाराष्ट्र सरकार ने 2025-26 शैक्षणिक वर्ष से शुरू होने वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू करने के लिए एक विस्तृत योजना की रूपरेखा तैयार की है । इस योजना की एक प्रमुख विशेषता मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में कक्षा 1-5 में हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा के रूप में पेश करना है।

इसकी कुछ मुख्य बातें इस प्रकार हैं :

  • चरणबद्ध कार्यान्वयन समय-सीमा: नीति को धीरे-धीरे लागू किया जाएगा, 2025-26 में ग्रेड 1 से शुरू करके 2028-29 तक सभी ग्रेडों तक विस्तारित किया जाएगा।
  • पाठ्यक्रम और संरचना: महाराष्ट्र एससीईआरटी और बालभारती द्वारा स्थानीय पाठ्यक्रम विकास के साथ 5+3+3+4 मॉडल को अपनाएगा।
  • भाषा नीति: मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में कक्षा 1-5 तक हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा के रूप में शामिल किया जाएगा।
  • शिक्षक प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण: सरकार का लक्ष्य 2025 तक 80% शिक्षकों को नए शैक्षणिक तरीकों और डिजिटल उपकरणों में प्रशिक्षित करना है।

गौरतलब है कि इससे पहले मार्च में महाराष्ट्र की संचालन समिति ने शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से कक्षा 3 से 12 तक राज्य के स्कूलों के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) पाठ्यक्रम ढांचे को अपनाने को मंजूरी दी थी। इस निर्णय का उद्देश्य महाराष्ट्र में शिक्षा को एनईपी 2020 के अनुरूप लाना था।

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