देहरादून, 28 अक्टूबर 2025:
उत्तराखंड के देहरादून जिले के जौनसार-बावर क्षेत्र के कंधार और इंद्रौली गांव की पंचायत ने एक ऐसा फैसला लिया है, जो समाज में चर्चा का विषय बन गया है। अब इन गांवों में शादी-ब्याह के दौरान महिलाएं अत्यधिक गहने नहीं पहन सकेंगी।
पंचायत ने आदेश दिया है कि दुल्हनें और महिलाएं केवल आवश्यक पारंपरिक गहने जैसे कान की बाली (झुमके), नथ और मंगलसूत्र ही पहनेंगी। यह निर्णय समाज में बढ़ती आर्थिक असमानता और दिखावे की प्रवृत्ति को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है।
पंचायत का कहना है कि शादी समारोहों में प्रतिस्पर्धा और दिखावे की संस्कृति के कारण कई परिवार अपनी सामर्थ्य से अधिक खर्च कर देते हैं, जिससे गरीब तबके पर भारी आर्थिक दबाव पड़ता है।
इंद्रौली गांव के अतर सिंह चौहान ने बताया, “सोने की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं कि आम व्यक्ति अब गहने नहीं खरीद सकता। अमीर लोग तो खरीद लेते हैं, पर गांवों में गरीब परिवारों के लिए यह बोझ बन गया है। पंचायत का यह कदम समाज में समानता लाने और आर्थिक बोझ कम करने की दिशा में सराहनीय है।”
स्थानीय लोग इस फैसले को “सामाजिक सुधार की दिशा में बड़ा कदम” मान रहे हैं। यह अनोखा फैसला न सिर्फ जौनसार-बावर में बल्कि पूरे उत्तराखंड में चर्चा का केंद्र बन गया है।






