लखनऊ, 27 नवंबर 2025 :
आज नवंबर महीने का आखिरी गुरुवार है और ये दिन बहुत खास माना जाता है। इस दिन लोग गुरुवार व्रत रखते हैं, जो भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से घर में सुख, शांति और धन बढ़ता है।
क्यों है गुरुवार व्रत का महत्व?
इस बार यह व्रत मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को पड़ रहा है। गुरुवार का दिन श्रीहरि (भगवान विष्णु) और गुरु ग्रह के लिए बहुत शुभ माना जाता है। यदि विधि-विधान से पूजा की जाए, तो कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत होता है। अग्नि पुराण, महाभारत और बृहस्पति स्मृति में भी गुरुवार व्रत का उल्लेख है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से धन, विद्या और वैवाहिक सुख मिलता है।

आज के खास मुहूर्त क्या हैं?
द्रिक पंचांग के मुताबिक, आज अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:48 से दोपहर 12:30 बजे तक रहेगा। वहीं राहुकाल दोपहर 1:28 से 2:46 बजे तक का है। ग्रह स्थिति के मुताबिक आज सूर्य वृश्चिक राशि में मौजूद रहेंगे। चंद्रमा दोपहर 2:07 बजे तक मकर राशि में रहेगा और उसके बाद कुंभ राशि में प्रवेश करेगा।
कैसे करें गुरुवार पूजा?
ब्राह्म मुहूर्त में स्नान करके पीले वस्त्र पहनें। भगवान विष्णु को हल्दी, पीला फूल, अक्षत और तुलसी अर्पित करें और माता लक्ष्मी की भी पूजा करें। देसी घी से आरती करें। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें और श्री विष्णु सहस्रनाम पढ़ें। साथ ही केले के वृक्ष की पूजा भी करें। आटे में चने की दाल और गुड़ मिलाकर गाय को खिलाएं। व्रत के दिन केवल बेसन या पीली दाल खाएं और किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद को पीली वस्तुएं, केला और दाल दान करें।
गुरुवार व्रत में ध्यान रखने योग्य बातें
पीले वस्त्र पहनना जरूरी है। पीले फल-फूल दान करें लेकिन पीले खाने का सेवन न करें। अगर व्रत नहीं रख सकते, तो पूजा करें या व्रत कथा सुनें। हल्दी चढ़ाने से मनोकामना पूरी होती है। गरीब या जरूरतमंद को अन्न और धन दान करना भी पुण्यकारी है। केले के पत्ते में भगवान विष्णु का वास माना जाता है, इसलिए इसकी पूजा विशेष रूप से करें।
आज का दिन बहुत ही खास है। गुरुवार व्रत कर आप घर में सुख-शांति और समृद्धि ला सकते हैं। भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति की कृपा हमेशा बनी रहे।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। Thehohalla इसकी पुष्टि पर कोई दावा नहीं करता है।






