पंकज
काकोरी (लखनऊ), 8 दिसंबर 2025:
पारा थाना क्षेत्र के खुशहालगंज में एक लकड़ी ठेकेदार ने आम के बाग में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। शव के पास मिले एक कागज में रुपये के लेनदेन और धमकी का ज़िक्र मिलने के बाद परिजनों ने आत्महत्या के लिए सचिवालय में तैनात एक कर्मचारी को जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर जांच शुरू कर दी है।
खुशहालगंज निवासी शुऐब ने बताया कि उनके पिता वहीद ख़ान (50) लकड़ी के ठेकेदार थे। रविवार तड़के करीब चार बजे वह बिना किसी को बताए घर से निकल गए थे। दोपहर करीब एक बजे गांव के कल्लू को बकरी चराते समय आम के बाग में पेड़ से लटका उनका शव दिखाई दिया। सूचना पर परिजन मौके पर पहुंचे और पाया कि मृतक के पैर के पास एक कागज भी रखा हुआ था।
मृतक की पत्नी हनीफा ने आरोप लगाया कि वहीद खान ने औरास से लड़की खरीदी थी। इसे उमेश ने बरामद करवा दी थी। इसके एवज में वहीद ने 4 दिसंबर को वन विभाग में 80 हजार रुपये का जुर्माना जमा कर उसकी रसीद भी ले ली थी। इसके बावजूद उमेश यादव लगातार रकम की डिमांड करता रहा। उमेश यादव लकड़ी प्रकरण में उनके पति से 2 लाख रुपये की मांग कर रहा था। उमेश ने कुछ दिन पहले बेटे के खाते में रुपये ट्रांसफर करवाकर नकद ले लिया था और फिर उसी रकम को दोबारा भुगतान करने का दबाव बनाते हुए जेल भेजवाने की धमकी देता था।
परिजनों ने दावा किया कि रविवार सुबह भी उमेश ने उनके बेटे के फोन पर वहीद के बारे में पूछताछ की।
मौके से बरामद लेटर में उमेश का नाम व मोबाइल नंबर भी दर्ज है, जिसमें कथित धमकियों का उल्लेख है। परिजन मानते हैं कि लगातार मिलने वाली इन धमकियों के कारण ही वहीद खान ने आत्महत्या का कदम उठाया। इंस्पेक्टर सुरेश सिंह ने बताया कि मृतक की पत्नी की तहरीर के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है। बरामद लेटर में लिखे नाम और मोबाइल नंबर की भी जांच कराई जा रही है।






