Uttar Pradesh

योगी ने सौंपा बसों का बेड़ा व महिला कंडक्टरों को नियुक्ति पत्र, कहा…परिवहन निगम समय का साथी

लखनऊ, 6 सितंबर 2025 :

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राजधानी में आयोजित कार्यक्रम में परिवहन निगम को कई खास तोहफे दिए। उन्होंने विभाग को नई बसों का बेड़ा सौंपा तो कर्मचारियों के लिए सहूलियतों का ऐलान किया। यही नहीं अफसरों को सुरक्षित व सुगम यातायात व्यवस्था का पाठ भी पढ़ाया।

हेल्प लाइन नम्बर, बस ट्रैकिंग ऐप लांच किया व इंटरसेप्टर वाहन किए रवाना

सीएम ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान आरटीओ कार्यालय से जुड़े 48 कामों के आवेदन के लिए 1.50 लाख जन सुविधा केंद्रों का उद्घाटन किया। साथ ही आठ इलेक्ट्रिक एसी डबल डेकर बसों, 16 इलेक्ट्रिक बसों, एक रिट्रोफिट इलेक्ट्रिक, 10 सीएनजी बसों, दो अन्य श्रेणी की एसी बसों, टाटा कंपनी की 20 साधारण बसों, आयशर कंपनी की 43 बसों को रवाना किया। साथ ही 400 बीएस-सिक्स बसों का भी शुभारंभ हुआ। परिवहन विभाग की 11 इंटरसेप्टरों को भी हरी झंडी दिखाई। उन्होंने निजी क्षेत्र के ATDC, RVSF तथा ATS के निवेशकों को प्रमाण-पत्र व महिला परिचालकों को नियुक्ति-पत्र भी प्रदान किए। इसके साथ ही डिजिटल बस ट्रैकिंग ऐप ‘यूपी मार्गदर्शी’ एवं सरल परिवहन हेल्पलाइन 149 का शुभारंभ, इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट की नई बुकलेट का विमोचन किया।

ग्रामीण जनता सेवा का ऐलान, 20 फीसदी कम होगा किराया

सीएम योगी ने प्रदेश को ग्रामीण जनता सेवा का तोहफा दिया। इसके तहत लखनऊ समेत प्रदेशभर में 250 बसें संचालित की जाएंगी। प्रत्येक डिपो की 10% फ्लीट जनता सेवा की होगी। ये बसें 75-80 किमी दूरी के दायरे में आने वाले गांवों तक चलेंगी। इसका किराया 20 प्रतिशत तक कम होगा। कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम समय का साथी है। जब कोई आवश्यकता पड़ती है, उस समय आवश्यकता के अनुरूप परिवहन निगम अपनी सेवा देने के लिए तत्पर दिखाई देता है। 14,000 बसों के माध्यम से उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम सफलता से अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है। परिवहन विभाग और नगर विकास विभाग बसें खरीदकर 3 लाख नई नौकरियां सृजित करा सकते हैं। कोई व्यक्ति हो या समाज, गांव हो या शहर, जिला हो, राज्य हो या देश, अगर वह समय की गति से पिछड़ जाता है तो हमेशा के लिए पिछड़ जाता है। प्रगति की यात्रा में झंडा गाड़ने के लिए हम भी विकसित भारत की परिकल्पना के सारथी बनेंगे।

कानून बुरे लगते हैं लेकिन यही सुरक्षा व संरक्षण का आधार बनते हैं

सड़क पर चलने वाले एक-एक व्यक्ति की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी बनती है। इसके प्रति आमजन को जागरूक, सतर्क और मानसिक रूप से तैयार करना चाहिए। हमारा प्रयास होना चाहिए कि, जिनको भी हम ड्राइवर के रूप में रखते हैं उनका नियमित रूप से मेडिकल होता रहे। कई बार कानून लोगों को बुरा लगता है। लेकिन, याद रखना यही कानून अंतत: आपकी सुरक्षा और संरक्षण का आधार बनता है। कोई नाबालिग- अप्रशिक्षित व्यक्ति दोपहिया, तीन पहिया, चार पहिया वाहन या बस की स्टीयरिंग न पकड़े। ‘नो हेलमेट-नो फ्यूल’ पेट्रोल पंप के हित में नहीं बल्कि बाइक चलाने वाले के हित में। सड़क के किनारे ट्रक, टैंकर न खड़ा हो। रिजर्व जगह पर ही खड़ा किया जाए।

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