फरीदाबाद, 7 जून 2025:
हरियाणा के फरीदाबाद में सरकारी अस्पताल बीके सिविल में एक फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट ने सात महीने के भीतर 55 हृदय सर्जरी कर डालीं, जिसमें तीन मरीजों की मौत हो गई। आरोपी ने बिना किसी चिकित्सा योग्यता के इस गंभीर काम को अंजाम दिया और साथ ही एक प्रतिष्ठित डॉक्टर के नाम का भी दुरुपयोग किया।
यह मामला बीके सिविल अस्पताल के 2018 में शुरू हुए हार्ट सेंटर से जुड़ा है, जिसे मेडिट्रीना हॉस्पिटल्स प्राइवेट लिमिटेड चला रही थी। आरोप है कि कंपनी ने डॉक्टरों का सत्यापन किए बिना मरीजों का इलाज कराया। जुलाई 2024 में फर्जी डॉक्टर डॉ. पंकज मोहन की नौकरी हुई, जिसने सात महीनों में 55 हार्ट सर्जरी कीं।
जब एक मरीज डॉ. पंकज मोहन से मिलने अस्पताल गया, तो पता चला कि असली डॉक्टर की जगह कोई और फर्जी डॉक्टर बैठा था। असली डॉ. पंकज मोहन ने अपने नाम के दुरुपयोग की शिकायत भारतीय मेडिकल एसोसिएशन और पुलिस में दर्ज कराई, लेकिन दो महीने तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। बाद में वकील ने गृह मंत्रालय और मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत दी, जिसके बाद मामले की जांच शुरू हुई।
जांच एजेंसी के अनुसार, फर्जी डॉक्टर ने करीब 1000 मरीजों का इलाज किया, जिनमें से 55 का ऑपरेशन किया गया। तीन मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य की हालत बिगड़ने पर उन्हें दूसरे अस्पतालों में भेजा गया। डॉक्टरों का कहना है कि बिना योग्यता के हृदय ऑपरेशन करना जानलेवा साबित हुआ।
यह मामला हरियाणा के 18 साल पुराने किडनी कांड की याद दिलाता है, जिसमें डॉ. अमित कुमार ने हजारों आदिवासियों की किडनी निकालकर विदेशों में बेच दी थीं। उस समय भी मरीजों को धोखा दिया गया था।
फिलहाल, एसीबी इस मामले की गहन जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है।