
मथुरा, 26 अप्रैल 2025
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर देशभर में आक्रोश व्याप्त है। इस हमले में निर्दोष लोगों की मौत के बाद आम जनता ही नहीं, बल्कि संत समाज भी बेहद दुखी और गुस्से में है। वृंदावन के प्रसिद्ध संत और करोड़ों श्रद्धालुओं के आध्यात्मिक गुरु, प्रेमानंद महाराज ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और इसे धर्म के खिलाफ बताया है।
प्रेमानंद महाराज ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया चैनल ‘भजन मार्ग’ पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि दुनिया का कोई भी सच्चा धर्म दूसरों को कष्ट देने या उनकी हत्या करने की इजाजत नहीं देता। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “जो लोग धर्म के नाम पर दूसरों को मारते हैं, वे राक्षसी प्रवृत्ति के हैं। यह धर्म नहीं, अधर्म है, और ऐसे लोगों को शासन के जरिए दंडित करना ही असली धर्म है।”
महाराज ने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे शरीर में कैंसर हो जाने पर उसे काटकर अलग कर दिया जाता है, वैसे ही समाज में मौजूद आतंक के इन कैंसरों को भी खत्म करना ज़रूरी है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इन अधर्मियों को रोका नहीं गया तो यह मानवता के लिए खतरा बन जाएंगे।
उन्होंने सवाल उठाया कि “यह कौन सा धर्म है जो दूसरों को मारने की इजाजत देता है?” और कहा कि आतंकवाद को धर्म के नाम से जोड़ना सबसे बड़ा अपराध है।
प्रेमानंद महाराज के इस बयान को देशभर में भावनात्मक समर्थन मिल रहा है। संत समाज ने भी इस आतंकी हमले की तीखी निंदा करते हुए केंद्र सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग की है। वहीं आम लोग भी सोशल मीडिया पर प्रेमानंद महाराज की बातों का समर्थन कर रहे हैं और आतंकवादियों को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं।
यह बयान ऐसे समय पर आया है जब देश में शोक और गुस्से का माहौल है और लोग एकजुट होकर आतंक के खिलाफ निर्णायक कदम की अपेक्षा कर रहे हैं।