Uttar Pradesh

“7024 साल पुराना ददरी मेला, नंदीग्राम में हुआ शुरू”

बलिया,1 नवंबर 2024

उत्तर प्रदेश के बलिया में ऐतिहासिक ददरी मेला नंदीग्राम में शुरू हो गया है। शुक्रवार से शुरू हुए इस मेले में बड़ी संख्या में पशु व्यापारी पहुंच रहे हैं। गुरुवार को मेले की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया, जिसमें टेंट पंडाल और हैंडपंप का काम पूरा हुआ। मवेशियों और अन्य सामग्रियों की दुकानें भी लगाई गई हैं।

ददरी मेला दो चरणों में आयोजित होगा- पहला चरण 1 नवंबर से पशु मेले के साथ शुरू होगा, जबकि 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा स्नान के साथ मीना बाजार की शुरुआत होगी।

ददरी मेले में विभिन्न पशुओं जैसे गाय, बैल, बछड़े, भैंस और घोड़ों के लिए 250 रुपये प्रवेश शुल्क और बिक्री के बाद 400 रुपये रजिस्ट्रेशन शुल्क निर्धारित किया गया है। अध्यक्ष संत कुमार गुप्ता मिठाईलाल ने मेले की सभी तैयारियों को पूरा कर लिया है।

अध्यक्ष ने बताया कि नंदीग्राम आज से शुरू हो गया है, और भूमि पूजन 10 नवंबर को होगा, जबकि मीना बाजार 15 नवंबर से लगेगा। ददरी मेले का इतिहास 7024 वर्ष पुराना है, जो महर्षि भृगु के शिष्य दर्दर मुनि के नाम पर आयोजित होता है। यह मेला शरद पूर्णिमा से शुरू होकर लगभग एक महीने तक चलता है, जबकि पहले इसे यज्ञ के रूप में मनाया जाता था, अब यह पूरी तरह व्यावसायिक हो गया है।

ददरी मेला 7024 वर्ष पहले महर्षि भृगु के शिष्य दर्दर मुनि द्वारा शुरू किया गया था, जिसका कारण गंगा और सरयू नदियों का संगम है। महर्षि भृगु ने गंगा की धारा को समृद्ध करने के लिए इस संगम की व्यवस्था की, और इस दौरान “दर्र-दर्र” और “घर्र-घर्र” की आवाजें सुनाई दीं, जिसके आधार पर शिष्य का नाम दर्दर मुनि रखा गया। मेला इसी नाम पर आयोजित होता है, और महर्षि भृगु ने अपने ज्योतिष ग्रंथ भृगु संहिता का विमोचन भी यहीं किया था।

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