झुंझुनूं,27 नवंबर 2024
21 नवंबर 2024 को राजस्थान के झुंझुनूं जिले के बीडीके अस्पताल में एक हैरान कर देने वाली घटना घटी। मानसिक रूप से कमजोर युवक रोहिताश, जिसे बीरबल के नाम से भी जाना जाता है, को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया और पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखा। इसके बाद शव को पुलिस ने पंचनामा तैयार कर श्मशान घाट ले जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी। लेकिन जब शव को चिता पर रखा गया, तो वहां मौजूद लोगों ने उसके शरीर में हलचल देखी और पाया कि वह जिंदा था। तुरंत एम्बुलेंस बुलाकर उसे फिर से अस्पताल लाया गया, जहां से बाद में उसकी गंभीर हालत को देखते हुए जयपुर के SMS अस्पताल रेफर किया गया। वहां 12-13 घंटे बाद उसे फिर से मृत घोषित कर दिया गया।
इस घटना के बाद राजस्थान के चिकित्सा विभाग और झुंझुनूं प्रशासन में हड़कंप मच गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने एक जांच समिति गठित की और तीन डॉक्टरों, जिनमें PMO डॉ. संदीप पचार, डॉ. योगेश जाखड़ (जिन्होंने रोहिताश को मृत घोषित किया था), और डॉ. नवनीत मील (जिन्होंने पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार की थी), को निलंबित कर दिया। इसके बाद, राजस्थान हाईकोर्ट और चिकित्सा मंत्री के निर्देश पर एक उच्च स्तरीय जांच दल अस्पताल पहुंचा और पांच घंटे तक मामले की पड़ताल की। टीम ने सीसीटीवी फुटेज, डॉक्यूमेंट्स, और अस्पताल स्टाफ के बयान एकत्र किए ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि एक जीवित व्यक्ति को मृत कैसे घोषित किया गया और पोस्टमार्टम रिपोर्ट कैसे तैयार हुई। रिपोर्ट की पेशकश जल्द ही हाईकोर्ट में की जाएगी।