
मयंक चावला
आगरा, 10 दिसम्बर 2024:
सशक्त सेना और समृद्ध भारत का संदेश लेकर देशभर में यात्रा पर निकली राष्ट्रीय एथलीट और साइकिलिस्ट आशा मालवीय सोमवार को आगरा पहुंचीं। आगरा में उन्होंने अपनी प्रेरणादायक साइकिल यात्रा के अनुभव साझा किए और बताया कि यह यात्रा कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती के अवसर पर कन्याकुमारी से शुरू हुई थी। 26 जुलाई 2024 को उन्होंने कारगिल पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और सशक्त सेना तथा समृद्ध भारत का संदेश दिया।
महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा का संदेश
मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के ग्राम नाटाराम की निवासी आशा ने 2022-23 में 26,000 किलोमीटर की एकल साइकिल यात्रा पूरी की थी। इस यात्रा का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा को बढ़ावा देना था। अपनी वर्तमान यात्रा के तहत उन्होंने 15 अगस्त को सियाचिन ग्लेशियर पहुंचकर भारत के वीर सैनिकों को नमन किया और अब तक 13,900 किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी हैं।
परिवार और प्रेरणा की कहानी
आशा ने बताया कि उनके पिता का देहांत तब हुआ जब वह मात्र दो साल की थीं। उनकी मां ने मजदूरी कर उन्हें पाला और उनके सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित किया। आज वह न केवल एक राष्ट्रीय एथलीट हैं बल्कि अपनी साइकिल यात्रा से भी प्रेरणा का स्रोत बन रही हैं।
डर पर जीत और आत्मविश्वास का संदेश
आशा ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा, “डर कुछ नहीं होता, यह केवल हमारे भीतर का भ्रम है। जब आप डर से लड़ना सीख जाएंगे, तो हर मुसीबत का सामना कर सकते हैं। मेरी यात्रा का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर और साहसी बनाना है।”
आगरा में उनकी यात्रा को लेकर स्थानीय लोगों ने उनका स्वागत किया और उनकी प्रेरणादायक कहानी ने सभी को गर्व से भर दिया।