
जबलपुर, 29 दिसंबर, 2024
जबलपुर जिले की पाटन तहसील के मादा ग्राम के किसान कैलाश यादव ने जैविक खेती में एक नई पहचान बनाई है। उन्होंने अपनी 5 एकड़ भूमि को पूरी तरह से जैविक बनाकर चिया सीड्स की खेती शुरू की। आज उनकी खेती का मॉडल जिले के अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बन गया है। कैलाश यादव ने गाय के गोबर और गोमूत्र जैसे प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर अपनी भूमि को रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों से मुक्त बनाया। इसके लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी, लेकिन उनकी लगन और जैविक खेती के प्रति समर्पण ने उन्हें सफलता दिलाई।
कैलाश यादव की सफलता ने जिले के 100 से अधिक किसानों को प्रेरित किया, जिन्होंने 150 एकड़ भूमि पर चिया सीड्स की जैविक खेती शुरू की है। कैलाश ने इन किसानों को बीज उपलब्ध कराने के साथ-साथ मार्गदर्शन भी दिया। जैविक खेती के इस प्रयास ने न केवल किसानों की आय में वृद्धि की है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और मिट्टी की उर्वरता को भी बढ़ावा दिया है। कृषि विभाग के निरीक्षण में कैलाश यादव के खेत को पूरी तरह जैविक पाया गया, जिससे उनका प्रयास और भी सराहनीय बना।
कृषि विभाग के अनुविभागीय अधिकारी इंद्रा त्रिपाठी ने बताया कि चिया सीड्स को “सुपरफूड” के रूप में जाना जाता है। इनमें फाइबर, प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सिडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इनके सेवन से वजन नियंत्रण, हृदय स्वास्थ्य, पाचन सुधार और ऊर्जा में वृद्धि होती है। इसके अलावा, ये मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसे रोगों में भी लाभकारी माने जाते हैं। चिया सीड्स की बढ़ती मांग ने इसे किसानों के लिए एक लाभकारी फसल बना दिया है। बाजार में इनकी कीमत प्रति क्विंटल 19,000 रुपये तक मिल रही है, जिससे किसानों को प्रति एकड़ 50 हजार रुपये की बचत हो रही है। इस तरह कैलाश यादव हर साल 10 लाख रुपये तक की कमाई कर रहे हैं।