महाकुंभ नगर 14 जनवरी 2025:
तप व साधना के अलग-अलग ढंग वाले साधु-संतों का महाकुंभ में समागम हुआ है। इनमें डिजिटल बाबा भी मौजूद हैं। गुरुकुल व यूनिवर्सिटी दोनों की शिक्षा और माहौल को जानने वाले डिजिटल बाबा युवाओं को अध्यात्म से जोड़ने का उद्देश्य लेकर चल रहे हैं। उनका कहना है कि युवा सबसे ज्यादा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर हैं तो इसी माध्यम से उनसे आसानी से जुड़ा जा सकता है।

जानें डिजिटल बाबा बनने की यात्रा
एक सवाल के जवाब में गोरखपुर निवासी स्वामी रामशंकर स्वयं के डिजिटल बाबा बनने की यात्रा को साझा कर बताते हैं कि उन्हें 2017 में ये अनुभव हुआ कि आज का युवा करियर न बनने पर जब टूटता है तो उसे सहारे की जरूरत होती है। ऐसे में अध्यात्म उसकी ताकत बन जाता है। इस अध्यात्म को उन तक पहुंचाने के लिए ही उन्होंने सोशल मीडिया को माध्यम बनाया क्योंकि बड़ी संख्या में युवा इस प्लेटफार्म पर मौजूद है।
डिजिटल बाबा कहते हैं कि आज होम डिलीवरी का दौर है ऐसे में युवा को किसी साधु संत के पास आने जाने का श्रम भी बच जाता है। उसे अध्यात्म का महत्व भी पता चलता है। महाकुंभ में सनातन धर्म के चारों आश्रम के लोग हैं। युवा यहां भारी संख्या में आये हैं। उनकी हर जिज्ञासा का समाधान यहां हो सकता है।
युवाओं के लिए सोशल मीडिया पर रहते सक्रिय
डिजिटल बाबा कहते है कि वे बैजनाथ धाम में कुटिया बनाकर रहते हैं। बिना किसी एक्सपर्ट की मदद लिए वे अकेले ही सोशल मीडिया पर युवाओं के लिए सक्रिय रहते हैं। यूनिवर्सिटी व गुरुकुल दोनों में शिक्षा ग्रहण करने के कारण उन्हें इस बात का पूरा अनुभव है कि युवाओं को अध्यात्म से जुड़ना चाहिए। ये हमेशा सच्चे दोस्त की तरह साथ देगा।
