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महाकुंभ में अमृत स्नान : 3.50 करोड़ साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने लगाई संगम में पवित्र डुबकी

महाकुंभ नगर, 14 जनवरी 2025:

पौष पूर्णिमा के पावन पर्व पर शुरू हुए आस्था के महापर्व महाकुंभ में मंगलवार को पहले अमृत स्नान पर संतों और नागा साधुओं के अपार समूह ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई। सुबह से शुरू हुआ साधुओं के स्नान का क्रम शाम तक चला। पूर्व निर्धारित समय के अनुसार सभी 13 अखाड़ों के साधु-संतों के साथ 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया।

महानिर्वाणी अखाड़ा के संतों से शुरू हुआ अमृत स्नान

संगम में पवित्र अमृत स्नान का क्रम सुबह सवा छह बजे शुरू हुआ। सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़ा और शम्भू पंचायती अटल अखाड़ा के संतों ने स्नान किया। इस अखाड़े के संतों ने सुबह करीब सवा पांच बजे प्रस्थान किया। सवा छह बजे संगम तट पर पहुंचे और करीब 40 मिनट तक अमृत स्नान किया। इनके बाद श्री तपोनिधि पंचायती निरंजनी अखाड़ा, श्री पंचायती अखाड़ा आनंद अखाड़ा और फिर दूसरे अखाड़ों के साधु-संतों और नागा साधुओं ने स्नान किया। शाम तक सभी 13 अखाड़ों के साधु-संतों का अमृत स्नान पूर्ण हुआ।

संगम तट पर दिखा आस्था का अद्भुत नजारा, गूंजे जयकारे

अमृत स्नान के दौरान संगम तट पर अद्भुत नजारा देखने को मिला। मेला क्षेत्र में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। पूरा इलाका हर-हर महादेव, जय श्रीराम के जयघोष से गूंज उठा। स्नान के दौरान सनातन परम्परा से जुड़ा भगवा झंडा लहराता रहा। इसके साथ ही भारत की आन बान शान तिरंगा भी लहरा रहा है। अमृत स्नान के लिए विशेष प्रबंध किए गए। अखाड़ों के संतों एवं नागाओं के अमृत स्नान के लिए समय पहले से तय किया गया।

किन्नर अखाड़े के संतों को देखने को उमड़े श्रद्धालु

किन्नर अखाड़े ने पहली बार महाकुंभ में अमृत स्नान किया। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के साथ किन्नर अखाड़े के संत रथों और बग्घियों पर सवार होकर स्नान के लिए संगम तट पर पहुंचे और अमृत स्नान किया। किन्नर अखाड़े के संत जब तट पर पहुंचे तो वहां मौजूद श्रद्धालुओं की अपार भीड़ रोमांचित हो गई। किन्नर संतों के आने की सूचना पर अखाड़ा मार्ग पर मौजूद श्रद्धालु जयकारे लगाने लगे।

नागा साधुओं के शस्त्र प्रदर्शन ने किया आकर्षित

प्रथम अमृत स्नान के दौरान मंगलवार को नागा साधुओं का प्रदर्शन श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहा। संगम तट पर साधुओं की पारंपरिक गतिविधियां देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। अमृत स्नान के लिए अधिकांश अखाड़ों का नेतृत्व करने वाले नागा साधुओं का पारंपरिक शस्त्र कौशल देखने को लोग उतावले दिखे। डमरू बजाते, भाले और तलवारें लहराते साधुओं ने युद्ध कला का सुंदर प्रदर्शन किया। लाठियां भांजने के साथ नागा साधुओं ने अपनी परंपरा का प्रदर्शन किया।

अखाड़ा मार्ग पर उमड़े श्रद्धालु, पुलिस को करनी पड़ी मशक्कत

अमृत स्नान के लिए नागा संन्यासियों के रवाना होने के दौरान उनके चरण रज लेने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने अखाड़ा मार्ग पर डेरा डाल रखा था। रास्ते से उन्हें हटाने के लिए सुरक्षाकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इसके बाद भी बहुत से श्रद्धालु वहां डटे रहे। स्नान क्षेत्र की ओर जाने वाले अखाड़ा मार्ग पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

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