
लखनऊ,21फरवरी 2025:
यूपी सरकार की पहल पर बंदियों को जेल के भीतर ही महाकुंभ के संगम स्नान का पुण्य कमाने का मौका दिया जा रहा है। जेल मंत्री ने लखनऊ में इसका शुभारंभ किया वहीं अलग अलग जिलों में भी पवित्र स्नान का आयोजन किया गया। कलश में पहुंचे संगम जल के कलश का पूजन किया गया फिर उसे फूलों से सजे कुंड में भरे जल में मिलाकर बंदियों को सौंपा गया।
राजधानी में कारागार मंत्री ने किया शुभारंभ
सूबे की राजधानी में गोसाईगंज स्थित जिला कारागार में प्रदेश के कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान ने विशेष स्नान कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में करोड़ो लोग स्नान कर चुके हैं। ऐसे में कैदियों को पुण्य स्नान से वंचित नहीं किया जा सकता है। इसी उद्देश्य से संगम का पवित्र जल लाकर स्नान के लिए दिया गया है। इस मौके पर प्रमुख सचिव कारागार अनिल गर्ग और महानिदेशक कारागार पीवी रामाशास्त्री भी उपस्थित थे।

प्रयागराज में कलश पूजन कर बंदियों ने किया स्नान
प्रयागराज: जिला कारागार प्रयागराज में महाकुंभ संगम से गंगाजल लाकर विधि विधान से कलश पूजन किया गया। इसके बाद बंदियों द्वारा सामूहिक स्नान किया गया। स्नान के साथ बंदी हर-हर गंगे, गंगा मैया की जय का उद्घोष करते रहे। इस मौके पर जेल प्रशासन के अफसर भी मौजूद रहे।

इटावा में स्नान से पूर्व बंदियों को बांटा गया प्रसाद
इटावा: जिला जेल में प्रयागराज से लाए गए महाकुंभ के पवित्र गंगा जल का कलश पूजन किया गया। इसी के साथ-साथ कैदियों में प्रसाद बांटा गया। गंगाजल को वहां स्नान के लिए बने कुंड में डाला गया। इसके बाद कैदियों ने गंगाजल से स्नान किया हर-हर महादेव हर-हर गंगे के जयघोष गूंजते रहे।

मेरठ जेल में बंदियों के लिए बनाये गए 12 कुंड
मेरठ: जिले के कारागार में ही बंदियों को महाकुंभ का लाभ मिला। जेल में बंदियों ने महाकुंभ से आए जल से स्नान किया। चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के छात्र नेता विनीत चपराना जेल में महाकुंभ से संगम का जल लेकर पहुंचे। इसके लिए जेल में 12 कुंड बनाए गए। कलश पूजन कर बंदियों ने स्नान कर गंगा मैया की जय का उद्घोष लगाया।

वाराणसी जेल में स्नान से पूर्व गूंजे मंत्र
वाराणसी: जिले की सेंट्रल जेल में वरिष्ठ अधीक्षक आर.के.मिश्रा ने बंदियों के स्नान का इंतजाम कराया। यहां बनाये गए कुंड में संगम का जल डाला गया। पुरोहितों द्वारा किये जा रहे मंत्रोच्चार के बीच पूजा अर्चना की गई। इसके बाद सभी ने कुंड के चारों ओर खड़े होकर स्नान किया। बंदी हर हर महादेव का जयघोष लगाते रहे।