भोपाल, 6 मार्च 2025
भोपाल में एक फर्जी कॉल सेंटर के मामले की जांच को दबाने के लिए रिश्वत लेने के आरोप में एक स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) सहित चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। मामले में संबंधित अधिकारियों ने बताया कि आरोपी पुलिसकर्मियों में से एक के पास से कथित तौर पर रिश्वत के रूप में ली गई पांच लाख रुपये की राशि बरामद की गई है। उन्होंने बताया कि आरोपी को पकड़ने के प्रयास जारी हैं।
भोपाल (जोन 1) की अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त रश्मि अग्रवाल दुबे ने पीटीआई को बताया कि ऐशबाग एसएचओ जितेंद्र गढ़वाल, सहायक उप निरीक्षक पवन रघुवंशी और मनोज सिंह तथा हेड कांस्टेबल धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ बुधवार देर रात प्राथमिकी दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के रहने वाले अंशुल जैन नामक व्यक्ति, जिसने रिश्वत की पहली किस्त के रूप में कथित तौर पर पांच लाख रुपये का भुगतान किया था, के खिलाफ भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
पुलिस के अनुसार, रघुवंशी ने तीन अन्य आरोपी पुलिसकर्मियों के साथ मिलीभगत करके एक व्यक्ति का नाम प्राथमिकी में मुख्य आरोपी के रूप में न दर्ज करने के लिए 25 लाख रुपये का सौदा किया था, जो एक फर्जी कॉल सेंटर चलाता था और देश भर में कई लोगों को ठगता था।
पुलिस ने 23 फरवरी को फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया था, लेकिन एफआईआर में उस व्यक्ति का नाम नहीं लिखा था।
दुबे ने बताया कि रिश्वतखोरी और एएसआई रघुवंशी के घर से पांच लाख रुपये बरामद होने की शिकायत और गुप्त सूचना के बाद चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि चारों आरोपी पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
पुलिस उपायुक्त प्रियंका शुक्ला ने बताया कि चारों आरोपी पुलिसकर्मियों और रिश्वत देने वाले व्यक्ति को पकड़ने के प्रयास जारी हैं।