
बांदा,11 मार्च 2025
बांदा जिले के गोयरा मुगली गांव की रहने वाली शहजादी को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में मौत की सजा दे दी गई। 14 फरवरी की रात 11:59 बजे अबू धाबी जेल प्रशासन ने उसे अंतिम बार उसके पिता शब्बीर से बात कराई। इस दौरान शहजादी ने अपनी अंतिम इच्छा में आगरा के उजैर को माफ करने की बात कही, जिस पर पिता शब्बीर ने सहमति जता दी थी। लेकिन बेटी की मौत के बाद उन्होंने अपना फैसला बदल दिया और अब उजैर को कड़ी सजा दिलाने का संकल्प लिया है। शब्बीर ने कहा कि उनकी बेटी को धोखे से यूएई भेजकर मौत के मुंह में धकेलने वाले को वह कभी माफ नहीं करेंगे।
पिता शब्बीर के मुताबिक, आगरा के उजैर ने फेसबुक के जरिए शहजादी से दोस्ती की और उसे आगरा बुलाया। बाद में बहला-फुसलाकर दुबई ले गया और वहां उसे बेच दिया। शब्बीर का आरोप है कि उजैर ने शहजादी के डेबिट कार्ड से पैसे भी निकाल लिए। इस मामले में कोर्ट के आदेश पर मटौंध थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था, लेकिन पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगाकर केस बंद कर दिया। उस वक्त शब्बीर अपनी बेटी को बचाने में लगे थे, लेकिन अब उन्होंने इस मामले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है। उनका कहना है कि वह उजैर को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए पूरी कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।
बेटी की मौत के बाद शब्बीर तुरंत दिल्ली पहुंचे, जहां से उन्हें यूएई जाने की अनुमति मिली, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वह वहां नहीं जा सके। उनकी पत्नी के पास पासपोर्ट भी नहीं था, जिससे यात्रा करना संभव नहीं हो पाया। अब परिवार चाहता है कि वे यूएई जाकर शहजादी की कब्र पर फातिहा पढ़ सकें और उसका सामान वापस ला सकें। इसके लिए शब्बीर ने भारत सरकार और आम जनता से आर्थिक सहायता की अपील की है। उन्होंने कहा कि वह इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाकर ही दम लेंगे। गांव के लोग और रिश्तेदार उनके साथ खड़े हैं और उजैर को सजा दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा।






