
लखनऊ, 20 मार्च 2025:
यूपी की एसटीएफ ने गुरुवार को लखनऊ के पारा थाना क्षेत्र में तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है। ये सभी विभिन्न शिक्षा बोर्ड, यूनिवर्सिटी के फर्जी रिजल्ट फर्जी वेबसाइट पर डालकर फेक मार्कशीट भी तैयार करते थे। यही नहीं डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन में भी फ्रॉड कर लोगों को नौकरी तक दिलवा देते थे। कई सालों से चल रहे इस कारोबार से जालसाज करोडों कमा चुके हैं।
गिरोह के पास फर्जी बोर्ड व यूनिवर्सिटी की मिलीं फर्जी 51 मार्कशीट व मुहरें
एसटीएफ द्वारा पकड़े गए जालसाजों में अल्ताफ राजा गोकुलग्राम निवासी पारा, कृष्ण कुमार श्रीवास्तव स्नेह नगर आलमबाग व फैजुल्लागंज की श्याम विहार कालोनी निवासी लक्ष्य राठौर शामिल है। इन्हें पारा थाना क्षेत्र में जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय के पास सर्विस लेन पर गिरफ्तार किया गया। इनके पास फर्जी बोर्ड यूनिवर्सिटी की 51 मार्कशीटें, लैपटॉप, फर्जी मुहरें, हुंडई कार व एक बाइक बरामद हुई है।
दिल्ली में जेल से छूटने के बाद लखनऊ को बनाया ठिकाना
एसटीएफ द्वारा की गई पूछताछ के आधार पर पता चला कि वर्ष 2017 में अल्ताफ दिल्ली में जालसाजी का काम डॉ एसपी पांडे के साथ मिलकर करता था। दो साल बाद ही साथी लक्ष्य राठौर व अन्य शातिरों के साथ चाणक्य पुरी पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था। यहां जेल से छूटने के बाद सभी ने अपना नया ठिकाना लखनऊ बना लिया। अल्ताफ व लक्ष्य के साथ कृष्ण कुमार श्रीवास्तव भी जुड़ गया। कृष्ण कुमार श्रीवास्तव भी वर्ष 2009 में लखनऊ की विकास नगर थाने की पुलिस द्वारा जेल भेजा जा चुका है।
कोरियर से भेजते थे फर्जी दस्तावेज, दो हजार से अधिक फ्रॉड किए
जालसाजी में लोगों को फंसाने के लिए तीनों ने Go Daddy और Big Rock पर वेबसाइट बनाई। तैयार की गई फर्जी मार्कशीट का रिजल्ट भी वेबसाइट पर मौजूद रहता था। जब भी वेबसाइट पर रोल नम्बर डाला जाता तो उस बोर्ड यूनिवर्सिटी का रिजल्ट ऑनलाइन दिखता था। इसी झूठ को लोग खुशी से सच मान लेते थे। फर्जी मार्कशीट के सहारे लोग नौकरीं तक कर रहे है। ये गिरोह डाक्यूमेंट्स का ऑनलाइन व ऑफलाइन वैरिफिकेशन का काम भी कर देता था। ये लोग फर्जी दस्तावेज कोरियर के जरिये भेजते थे। गिरोह अब तक दो हजार से अधिक फर्जी दस्तावेज तैयार कर चुका है।