
अनमोल शर्मा
सहारनपुर, 13 अप्रैल 2025:
योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा पतंजलि के शरबत का प्रचार विवादों में घिर गया है। देवबंदी उलेमा व जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा ने कारोबार को मजहबी रंग देने की कोशिश बताते हुए एतराज किया है। वहीं लोगों से बाबा के माफी मांगने तक पतंजलि के उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की है।
यूनानी कम्पनी के शरबत पर उंगली उठाने पर जताया विरोध
मौलाना कारी इसहाक गोरा ने अपना एक वीडियो बयान जारी कर बाबा रामदेव के प्रचार का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा है कि योग गुरु बाबा रामदेव बिना नाम लिए हमदर्द कंपनी की मशहूर ड्रिंक रूह अफ़ज़ा को निशाना बनाया और उसे मज़हबी रंग देने की कोशिश की। बाबा रामदेव ने अपने बयान में कहा कि “जिस तरह लव जिहाद, लैंड जिहाद और वोट जिहाद होता है, उसी तरह अब शरबत जिहाद भी चल रहा है।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि “अगर आप दूसरी कंपनी का शरबत पीते हैं, तो उससे मस्जिदें और मदरसों का निर्माण होता है।”
शरबत को जिहाद जैसे शब्दों से जोड़ना सोची समझी साजिश
मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा ने इस बयान को ग़ैर-ज़िम्मेदाराना, और नफ़रत फैलाने वाला क़रार दिया है। उन्होंने कहा कि, “मैं बाबा रामदेव को अब तक एक योगगुरु और बुद्धिजीवी मानता था, लेकिन उनके इस बेहूदा बयान ने यह साबित कर दिया कि वह अब केवल एक कारोबारी हैं जो अपने व्यापार को मज़हब के सहारे आगे बढ़ाना चाहते हैं। मौलाना ने कहा कि हमदर्द जैसी कंपनी, जो आज़ादी से पहले से देश में काम कर रही है, उसकी पहचान उसकी गुणवत्तापूर्ण यूनानी और आयुर्वेदिक दवाओं व शरबतों के लिए है। रूह अफ़ज़ा कोई मज़हबी पेय नहीं है। इसे ‘जिहाद’ जैसे शब्द से जोड़ना महज़ एक सोची-समझी साजिश है ताकि लोगों को धार्मिक आधार पर भड़काया जा सके और अपने उत्पाद को लोकप्रिय किया जा सके।
सार्वजनिक रूप से माफी मांगे बाबा रामदेव
उन्होंने अपील करते हुए कहा कि, “जब तक बाबा रामदेव इस बयान को वापस नहीं लेते और सार्वजनिक रूप से अपनी ग़लती मानकर माफ़ी नहीं मांगते, तब तक उनके ब्रांड ‘पतंजलि’ के सभी उत्पादों का बहिष्कार किया जाए। यह समय है जब देश की जनता यह साबित करे कि वह नफ़रत के सौदागरों को बर्दाश्त नहीं करेगी और आपसी भाईचारे, मोहब्बत और तहज़ीब को हर कीमत पर बचाएगी।