
हरेंद्र दुबे
गोरखपुर, 14 अप्रैल 2025:
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर समेत पूरे पूर्वांचल में कई जगहों पर हुई झमाझम बारिश ने किसानों की उम्मीदों को तिनके की तरह बहा दिया है। खेतों में जहां पककर तैयार खड़ी गेंहूं की फसल कटाई के लिए तैयार थी, वहीं कुछ जगहों पर कटकर खेतों में पड़ी फसल भी पानी में डूब गई।
मार्च की गर्मी ने जहां लोगों के पसीने छुड़ा दिए थे, वहीं अप्रैल की शुरुआत में मौसम ने अचानक यू-टर्न लिया और तेज हवाओं के साथ बरसात ने किसानों पर कुदरती कहर ढा दिया। गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया और महाराजगंज जैसे जिलों में खेतों में मेहनत से सींची गई फसल अब बर्बादी की कगार पर है।
किसानों का कहना है कि फसल के भीग जाने से अब उनके काले होने का खतरा बढ़ गया है। अगर यही हाल रहा, तो फसल सूख नहीं पाएगी और बाजार में उसकी कोई कीमत नहीं बचेगी। ऐसे में उनकी माली हालत और भी खराब हो जाएगी और कुछ किसानों के सामने भुखमरी की नौबत तक आ सकती है।
किसानों की आंखें अब सरकार की ओर उम्मीद भरी निगाहों से टिकी हैं। वे चाहते हैं कि समय रहते प्रशासन राहत और मुआवजे की योजना लेकर आए, वरना आने वाला वक्त किसानों के लिए और भी त्रासदी भरा हो सकता है।






