
लखनऊ, 16 अप्रैल 2025:
देश की सेना के अधिकारी भी साइबर और फॉरेंसिक मामलों में महारत हासिल करेंगे। इसके लिए लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस ने ‘प्रोफेशनल डिप्लोमा इन साइबर टेक एंड लीगल गवर्नेंस’ नामक तीन महीने का विशेष कोर्स शुरू किया है। इस कोर्स के पहले बैच का मंगलवार को यूपी के डीजी विजिलेंस राजीव कृष्णा ने उद्घाटन किया।

हर बैच में 40 अधिकारियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
राजीव कृष्णा ने बताया कि हाल ही में हुई पुलिस कांस्टेबल भर्ती में साइबर अटैक हुआ था, जिससे निपटने में इस तरह के प्रशिक्षण की आवश्यकता स्पष्ट हुई। साथ ही, ड्रोन फॉरेंसिक की बढ़ती भूमिका पर भी उन्होंने प्रकाश डाला।
संस्थान के संस्थापक निदेशक डॉ. जीके गोस्वामी ने बताया कि यह युग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का है, और संस्थान का मुख्य उद्देश्य ‘लॉ विथ लैब’ के कॉन्सेप्ट पर काम करना है। उन्होंने कहा कि बिना कानून की समझ के फॉरेंसिक साइंस की पूर्णता नहीं हो सकती।
मेजर जनरल अनिरुद्ध साखरे ने कोर्स को सेना के लिए एक मजबूत आधार बताते हुए कहा कि साइबर स्पेस अब युद्ध का पांचवां आयाम बन चुका है। कोर्स सेना के अधिकारियों को साइबर खतरों से निपटने की दक्षता देगा।
आईआईआईटी के निदेशक प्रो. अरुण मोहन सेरी ने साइबर दुनिया में तेजी से हो रहे बदलावों की चर्चा करते हुए कहा कि कानून को भी उसी गति से अपडेट किया जाना जरूरी है। वहीं, आईएएस अधिकारी नेहा जैन ने प्रशासनिक अधिकारियों के लिए साइबर फॉरेंसिक पर साप्ताहिक कोर्स शुरू करने का अनुरोध किया। कार्यक्रम में डीन एसपी राय, अरुण खत्री, एआर सीएम सिंह, जनसंपर्क अधिकारी संतोष तिवारी, डॉ. सपना शर्मा, डॉ. पोरवी, बृजेश सिंह, विवेक कुमार समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित थे।







