
मुंबई, 21 अप्रैल 2025:
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है, जब शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र सामना ने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के संभावित मिलन को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। सामना ने जहां दोनों भाइयों के साथ आने की संभावना को महाराष्ट्र के व्यापक हित में बताया है, वहीं राज ठाकरे की अब तक की राजनीतिक यात्रा पर भी सवाल उठाए हैं।
सामना में लिखा गया कि राज ठाकरे की राजनीति अब तक “घुमावदार” रही है, जिसकी वजह से उन्हें ठोस राजनीतिक सफलता नहीं मिल पाई। इस लेख में यह भी आरोप लगाया गया कि बीजेपी और एकनाथ शिंदे जैसे नेता राज ठाकरे के कंधे पर बंदूक रखकर शिवसेना पर हमले करते रहे, लेकिन इससे राज को कोई लाभ नहीं हुआ।
शिवसेना यूबीटी ने यह स्पष्ट किया कि मराठी अस्मिता और महाराष्ट्र के हित में कोई भी विवाद गौण है, अगर व्यापक हित में एकजुटता संभव हो। उद्धव ठाकरे ने भी इस दिशा में सकारात्मक संकेत दिए हैं। लेख में कहा गया है कि अगर राज ठाकरे सचमुच मिलन चाहते हैं, तो उद्धव भी पीछे नहीं हटेंगे।
सामना ने यह भी जोड़ा कि अब समय है कि महाराष्ट्र के “दुश्मनों” को घर से बाहर रखा जाए। भाजपा नेताओं – नरेंद्र मोदी, अमित शाह, देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे – पर महाराष्ट्र को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए, सामना ने दावा किया कि यह सब शिवसेना को कमजोर करने की साजिश का हिस्सा है।
शिवसेना यूबीटी ने राज ठाकरे से अपेक्षा की है कि वे अब उन शक्तियों से दूरी बनाए रखें जो महाराष्ट्र की जड़ों को खोखला कर रही हैं। लेख के अंत में कहा गया कि यह समय मराठी स्वाभिमान को फिर से मजबूत करने का है, और ऐसे में ठाकरे बंधुओं का एक होना राज्य की राजनीति के लिए निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है।






