
लखनऊ, 30 अप्रैल 2025:
संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की आधी-आधी तस्वीर जोड़कर लगाने को लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में विवाद गहरा गया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इसे डॉ. अंबेडकर का अपमान करार देते हुए समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
बुधवार को लखनऊ के हजरतगंज में भाजपा कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए अखिलेश यादव से माफी की मांग की। इस मौके पर राज्यसभा सांसद बृजलाल ने कहा, “सपा कार्यकर्ता बाबा साहेब के अपमान के आदी हैं। यह कृत्य बेहद निंदनीय है।”

लखनऊ के साथ ही वाराणसी, आगरा, गोरखपुर, इटावा, मेरठ और कानपुर सहित कई अन्य शहरों में भी भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा ने सपा से इस ‘तथाकथित तस्वीर विवाद’ पर स्पष्ट जवाब देने की मांग की है।
वाराणसी : अंबेडकर चौराहे पर भाजपा का प्रदर्शन
वाराणसी के अंबेडकर चौराहे पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने महानगर अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि के नेतृत्व में सपा के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। ‘दलित विरोधी जिसकी पहचान, सपा उसका नाम’ जैसे नारों और तख्तियों के साथ कार्यकर्ताओं ने सपा पर अंबेडकर के अपमान का आरोप लगाया। बसपा सुप्रीमो मायावती की नाराजगी के बाद मामला और गरमाया। भाजपा ने इसे दलित समाज की भावनाओं से खिलवाड़ बताया और सपा को घेरने का अवसर बनाया।
आगरा : विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए कई मंत्रियों व नेता
आगरा के खंदारी स्थित बाबा साहब की प्रतिमा के सामने बड़ी संख्या में भाजपा नेताओं ने प्रदर्शन किया। इस दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल, प्रदेश के सामाज कल्याण मंत्री असीम अरुण के साथ कई नेता शामिल हुए।
भाजपा नेताओं ने कहा कि अखिलेश यादव ने बाबा साहब का अपमान किया है। अखिलेश बाबा साहब के पैरों की धूल के बराबर भी नहीं है। महापुरुषों का अपमान होगा तो भाजपा इसका पुरजोर विरोध करेगी। दलित नेताओं की राजनीति के नाम पर उनका और महापुरुषों का अपमान है।
इटावा : भाजपाई ने कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन
इटावा कलेक्ट्रेट परिसर में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की फोटो से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया। सदर विधायक सरिता भदोरिया ने कहा कि अखिलेश ने अपनी फोटो अंबेडकर की आधी फोटो से जोड़कर उनका अपमान किया है। उन्होंने इसे दलितों को लुभाने की चाल बताया और अखिलेश से माफी की मांग की। इस संबंध में एडीएम अभिरंजन को ज्ञापन सौंपा गया।







