नई दिल्ली, 12 मई 2025
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज रात 8 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे – ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की ओर से चार दिनों तक चली शत्रुता के बाद घोषित संघर्ष विराम के बाद यह पहला संबोधन होगा। आधिकारिक सूत्रों अनुसार इस भाषण का केंद्रबिंदु ‘ऑपरेशन सिंदूर’ हो सकता है। बता दे कि बीते दिन, पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल सहित शीर्ष सरकारी अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
जिसमें भारत ने यह भी दोहराया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ आतंकवाद और उसके समर्थन ढांचे के खिलाफ एक लक्षित प्रतिक्रिया थी, तथा इस बात पर अफसोस जताया कि पाकिस्तान ने तटस्थ रहने के बजाय आतंकवादियों के साथ खड़ा होना चुना, जिसके कारण आवश्यक सैन्य जवाबी कार्रवाई की आवश्यकता पड़ी।
डीजीएमओ की संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग के दौरान एयर ऑपरेशन के महानिदेशक एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा, “हमने यह भी दोहराया है कि हमारी लड़ाई आतंकवाद और उनके समर्थन ढांचे के खिलाफ है, न कि पाकिस्तानी सेना के साथ। हालांकि, यह दुख की बात है कि पाकिस्तानी सेना ने हस्तक्षेप करना चुना और वह भी आतंकवादियों के लिए, जिसने हमें जवाब देने के लिए मजबूर किया।” उन्होंने स्पष्ट किया कि 7 मई को भारत के हमलों का लक्ष्य केवल आतंकवादी ठिकाने थे, लेकिन पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को प्रत्यक्ष सैन्य समर्थन दिए जाने से स्थिति अपरिहार्य टकराव में बदल गई।
इससे पहले, राष्ट्रीय राजधानी में प्रधानमंत्री आवास पर हुई बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेना प्रमुखों – जनरल उपेंद्र द्विवेदी, एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी और एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने भाग लिया। बैठक में विदेश सचिव विक्रम मिस्री, खुफिया ब्यूरो (आईबी) के निदेशक तपन डेका और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख रवि सिन्हा भी शामिल थे। यह उच्च स्तरीय बैठक भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम समझौते पर सहमति बनने के दो दिन बाद हुई है। पाकिस्तान ने युद्ध विराम की मांग भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए बड़े हवाई हमलों के बाद की थी, जिसमें उसके 11 एयरबेस नष्ट हो गए थे।
रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने इसी तरह की एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान सशस्त्र बलों को सीमा पार से गोलीबारी और गोलाबारी का पूरी ताकत से जवाब देने के स्पष्ट निर्देश दिए थे।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा 26 लोगों की हत्या के बाद तनाव बढ़ गया था। भारत ने 7 मई को पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले करके इन मौतों का बदला लिया था, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए थे।
जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना ने भारत के पश्चिमी इलाकों में ड्रोन और मिसाइलें दागीं, जिन्हें भारतीय सशस्त्र बलों ने सफलतापूर्वक रोक दिया। ड्रोन हमले के बाद, भारतीय वायुसेना ने 90 मिनट का एक बड़ा ऑपरेशन चलाया जिसमें 11 एयरबेसों पर हमला किया गया। इनमें से ज़्यादातर एयरबेस पाकिस्तान के लिए अहम हैं।
इसके बाद पाकिस्तान ने तनाव कम करने की मांग की। अमेरिका की सलाह पर भारत ने शनिवार दोपहर को पाकिस्तान के साथ युद्ध विराम पर सहमति जताई। यह सहमति तत्काल प्रभाव से सैन्य कार्रवाई रोकने की थी, जो चार दिनों तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद आई थी।
तनाव कम होने के बाद, रविवार-सोमवार की रात जम्मू-कश्मीर और पश्चिमी सीमा के बाकी इलाकों में कोई प्रतिकूल घटना नहीं हुई। अधिकारियों ने तनाव के बाद नागरिक उड़ान संचालन के लिए बंद किए गए 32 हवाई अड्डों को फिर से खोलने का भी फैसला किया है।