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भारत जल्द खुद से बनाएगा 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट, सरकार ने दी AMCA को मंजूरी

नई दिल्ली, 28 मई 2025

रक्षा क्षेत्र में एक अहम कदम उठाते हुए मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय वायु सेना के लिए पांचवीं पीढ़ी के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान को स्वदेशी रूप से विकसित करने की एक बड़ी परियोजना को लागू करने के लिए “एग्जिक्यूशन मॉडल” को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना से देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक नई दिशा मिलेगी। साथ ही यह धरेलू एयरोस्पेस इंडस्ट्री को भी मजबूती प्रदान करेगा। AMCA का विकास भारतीय वायु सेना की लड़ाकू क्षमताओं को मजबूत करने और देश की रक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत अपनी वायु शक्ति क्षमता को बढ़ाने के लिए उन्नत स्टेल्थ विशेषताओं से युक्त मध्यम वजन के गहरे पैठ वाले लड़ाकू जेट को विकसित करने की महत्वाकांक्षी एएमसीए परियोजना पर लगातार काम कर रहा है।

रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि सिंह ने ‘एग्जिक्यूशन मॉडल लड़ाकू विमान (AMCA) कार्यक्रम निष्पादन मॉडल’ को मंजूरी दे दी है। बयान में कहा गया, ‘‘भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने और एक मजबूत घरेलू एयरोस्पेस औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA) कार्यक्रम निष्पादन मॉडल को मंजूरी दी है।’’

एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) उद्योग साझेदारी के माध्यम से कार्यक्रम को क्रियान्वित करने के लिए तैयार है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘निष्पादन मॉडल’ दृष्टिकोण निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों को प्रतिस्पर्धी आधार पर समान अवसर प्रदान करता है। बयान में कहा गया है, “वे स्वतंत्र रूप से या संयुक्त उद्यम या संघ के रूप में बोली लगा सकते हैं। इकाई/बोलीदाता एक भारतीय कंपनी होनी चाहिए जो देश के कानूनों और नियमों का अनुपालन करती हो।” बयान में कहा गया, “यह एएमसीए प्रोटोटाइप विकसित करने के लिए स्वदेशी विशेषज्ञता, क्षमता और सामर्थ्य का उपयोग करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक प्रमुख मील का पत्थर होगा।”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति ने पिछले वर्ष लड़ाकू विमान कार्यक्रम को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। परियोजना की प्रारंभिक विकास लागत लगभग 15,000 करोड़ रुपये आंकी गई है। भारतीय वायुसेना अपनी दीर्घकालिक आवश्यकता को देखते हुए AMCA परियोजना पर जोर दे रही है। हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस के विकास के बाद AMCA के विकास में भारत का विश्वास उल्लेखनीय रूप से बढ़ा।

 

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