
तेल अवीव, 7 जून 2025:
गाजा युद्ध और वैश्विक आलोचना के बावजूद इजराइल ने साल 2024 में हथियार बिक्री का नया रिकॉर्ड बना लिया है। जहां रूस अपने हथियारों के निर्यात में 92% की गिरावट झेल रहा है, वहीं इजराइल ने 14.8 अरब डॉलर की डिफेंस डील्स के साथ दुनिया भर में अपनी सैन्य तकनीक की धाक जमा दी है।
इजराइली रक्षा मंत्रालय के अनुसार, साल-दर-साल 13% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2023 में जहां यह आंकड़ा 13 अरब डॉलर था, वहीं 2024 में यह बढ़कर 14.8 अरब डॉलर हो गया। इस दौरान मिसाइल, एयर डिफेंस सिस्टम और रॉकेट्स की सबसे ज्यादा बिक्री हुई, जो कुल निर्यात का 48% रहा।
यूरोप इजराइली हथियारों का सबसे बड़ा खरीदार बनकर उभरा है। अकेले जर्मनी ने Arrow-3 डिफेंस सिस्टम के लिए 3.8 अरब डॉलर की डील की। 2024 में यूरोप को कुल 54% निर्यात हुआ, जो 2023 में 35% था। यह इजराइल की अब तक की सबसे बड़ी डील मानी जा रही है।
एशिया में भारत और फिलीपींस जैसे देश प्रमुख ग्राहक बने हैं। भारत ने 2020 से 2024 के बीच अपने कुल हथियार आयात का 13% हिस्सा इजराइल से खरीदा, जबकि फिलीपींस ने 27% हथियार इजराइल से मंगवाए। अरब देशों में भी मांग बढ़ी है—2023 में जहां बिक्री 3% थी, 2024 में यह 12% हो गई। मोरक्को ने Elbit के हॉविट्ज़र और PULS सिस्टम के साथ-साथ उपग्रह भी खरीदे हैं।
रूस, जो यूक्रेन युद्ध में उलझा हुआ है, उसका निर्यात तेजी से गिरा है। जेम्सटाउन फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार, रूस के निर्यात में 2021 से 2024 तक 92% की गिरावट आई है। वहीं इजराइल की सैन्य तकनीक को दुनियाभर में उच्च मान्यता मिल रही है।
इस तरह, युद्ध में उलझे होने के बावजूद इजराइल ने अपनी तकनीकी बढ़त और रणनीतिक साझेदारियों से हथियार बाजार में जबरदस्त मुनाफा कमाया है, जबकि रूस पीछे छूटता नजर आ रहा है।