कोलकाता, 9 जून 2025
पश्चिम बंगाल विधानसभा में आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सशस्त्र बलों की कार्रवाई पर प्रस्ताव पेश किया जा रहा है, लेकिन इस प्रस्ताव से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम हटा दिया गया है। ऑपरेशन सिंदूर वह सैन्य अभियान था, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए चलाया था। केंद्र सरकार इस ऑपरेशन को विश्व स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ भारत की सशक्त कार्रवाई के रूप में प्रचारित कर रही है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने हालांकि विधानसभा में जो ड्राफ्ट तैयार किया है, उसमें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शब्द शामिल नहीं है। इसके बजाय प्रस्ताव का नाम रखा गया है ‘सक्सेस ऑफ आर्म्ड फोर्सेस इन कमबैटिंग टेररिस्ट’। प्रस्ताव में आतंकवाद और आतंकवादी गतिविधियों से निपटने में भारतीय सशस्त्र बलों की सराहना की गई है, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के उल्लेख को हटाए जाने से भारतीय जनता पार्टी ने ममता सरकार पर निशाना साधा है।
बीजेपी के विधायी दल के एक सदस्य ने इस कदम को सशस्त्र बलों का अपमान बताया है। उनका कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर को छुपाना आतंकवाद के खिलाफ भारत की वीरता को नजरअंदाज करना है। बीजेपी के मुख्य सचेतक शंकर घोष ने कहा कि प्रस्ताव का मसौदा तैयार करने वालों को भारतीय सेना के ऑपरेशनों की अहमियत का ज्ञान नहीं है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया है और मंगलवार को इस प्रस्ताव पर दो घंटे की चर्चा होने वाली है। इस दौरान विधानसभा में आतंकवाद और सुरक्षा बलों की भूमिका पर बहस जारी रहेगी।
यह विवाद राजनीतिक रूप से भी गरमाया हुआ है क्योंकि केंद्र सरकार ऑपरेशन सिंदूर को भारत की सैन्य ताकत के रूप में वैश्विक मंच पर उजागर कर रही है, जबकि पश्चिम बंगाल सरकार ने इसके नाम को प्रस्ताव से हटाकर भाजपा की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।






