नई दिल्ली, 11 जून 2025:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के उन सदस्यों से मुलाकात की, जिन्होंने हाल ही में दुनियाभर के देशों का दौरा कर भारत का पक्ष मजबूती से रखा। इस बैठक में लगभग सभी सांसद शामिल हुए, लेकिन AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की गैरमौजूदगी ने राजनीतिक हलकों में चर्चा को जन्म दे दिया।
बैठक में शामिल न होने की वजह खुद ओवैसी ने स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि वह देश से बाहर हैं और दुबई में एक पारिवारिक मेडिकल इमरजेंसी के कारण उन्हें अचानक जाना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अपने प्रतिनिधिमंडल के नेता बैजयंत पांडा को इस बाबत पहले ही सूचित कर दिया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह निर्णय पूरी तरह व्यक्तिगत मजबूरी थी, न कि किसी राजनीतिक कारण से प्रेरित।
गौरतलब है कि पहलगाम हमले के बाद ओवैसी सरकार के साथ खड़े नजर आए थे। उन्होंने कई देशों जैसे अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया में जाकर पाकिस्तान की पोल खोली और वैश्विक मंचों पर भारत का पक्ष मजबूती से रखा। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा है।
बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने सभी सांसदों से व्यक्तिगत तौर पर चर्चा की और उनके प्रयासों की सराहना की। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बताया कि यह एक अनौपचारिक बैठक थी, जिसमें सभी ने अपने सुझाव साझा किए और इस पहल को भविष्य में भी जारी रखने की सिफारिश की।
ओवैसी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि जब बात देश की सुरक्षा की हो, तो राजनीति को पीछे छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा था कि भले ही AIMIM और बीजेपी की विचारधाराएं अलग हों, लेकिन देशहित सर्वोपरि है।
प्रधानमंत्री की यह बैठक डेलिगेशन सदस्यों के अनुभव जानने और भविष्य की रणनीति तय करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम मानी जा रही है।