नई दिल्ली, 16 जून 2025:
पहलगाम आतंकी हमले के 55 दिन बाद भी आतंकियों की गिरफ्तारी न होने को लेकर तृणमूल कांग्रेस महासचिव अभिषेक बनर्जी ने केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा में चूक, खुफिया तंत्र की विफलता, और पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन मिलने जैसे गंभीर मुद्दों पर सवाल उठाए हैं।
अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट कर कहा कि “लोकतंत्र में यह चिंताजनक है कि मुख्यधारा की मीडिया, विपक्ष और न्यायपालिका भी सरकार से ये अहम सवाल नहीं पूछ रहे।” उन्होंने खुद को जिम्मेदार जनप्रतिनिधि बताते हुए पांच प्रमुख सवाल सरकार से पूछे:
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चार आतंकवादी कैसे सीमा पार कर हमले में सफल हो गए, जिसमें 26 नागरिक मारे गए?
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अगर खुफिया विफलता हुई तो इंटेलिजेंस ब्यूरो प्रमुख को एक साल का विस्तार क्यों दिया गया?
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आतंकवादी कहां हैं? मारे गए या जिंदा हैं? सरकार चुप क्यों है?
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पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को कब वापस लिया जाएगा? अमेरिका द्वारा युद्धविराम के बदले व्यापारिक वादा करने की बात पर भारत की प्रतिक्रिया क्यों नहीं आई?
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33 देशों से संपर्क के बाद कितनों ने भारत का समर्थन किया? IMF और विश्व बैंक ने हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान को बड़ी आर्थिक मदद क्यों दी?
अभिषेक ने यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों में विदेश मामलों पर दो लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, लेकिन जनता को पारदर्शिता और जवाबदेही नहीं मिल रही है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि वे खुद उस बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे, जिसे सरकार ने पाकिस्तान को वैश्विक मंचों पर बेनकाब करने के लिए भेजा था।
22 अप्रैल 2025 को हुए इस हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर 26 पर्यटकों की हत्या कर दी थी। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। अभिषेक के इन सवालों ने अब केंद्र सरकार की सुरक्षा नीति और विदेश नीति पर नई बहस छेड़ दी है।