
श्रीनगर, 18 जून 2025:
अमरनाथ यात्रा इस साल 3 जुलाई से 9 अगस्त तक आयोजित की जाएगी, लेकिन इस बार यात्रियों को हेलीकॉप्टर सेवा की सुविधा नहीं मिलेगी। सुरक्षा कारणों से जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा मार्ग को नो फ्लाइंग जोन घोषित कर दिया है। इसका सीधा मतलब है कि अब पहलगाम और बालटाल रूट से हेलीकॉप्टर सेवाओं पर पूरी तरह रोक रहेगी।
पहले यात्री पहलगाम के नीरू या बालटाल से हेलीकॉप्टर के माध्यम से पंचतरणी तक जाते थे, जिससे उन्हें लंबी यात्रा में सुविधा मिलती थी। पंचतरणी से अमरनाथ गुफा तक 6 किमी की पैदल यात्रा करनी होती थी। लेकिन इस बार यह विकल्प उपलब्ध नहीं होगा। यह प्रतिबंध 1 जुलाई से 10 अगस्त 2025 तक लागू रहेगा।
यह फैसला केंद्रीय गृह मंत्रालय की सलाह पर लिया गया है। आदेश के अनुसार, हेलीकॉप्टर के अलावा ड्रोन, UAV और अन्य हवाई उपकरणों पर भी प्रतिबंध रहेगा। हालांकि, कुछ अपवाद जैसे मेडिकल इमरजेंसी, आपदा प्रबंधन और सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी उड़ानों को अनुमति दी जाएगी।
इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह फैसला दुनियाभर में जम्मू-कश्मीर की छवि पर नकारात्मक असर डाल सकता है। उन्होंने कहा, “हमें खुशी है कि अमरनाथ यात्रा होने जा रही है और हम चाहते हैं कि यह शांतिपूर्वक सम्पन्न हो, लेकिन हेलीकॉप्टर सेवा पर रोक अजीब है। इससे गलत संदेश जाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास इंटेलिजेंस इनपुट नहीं है, इसलिए वह यह नहीं कह सकते कि फैसला किस आधार पर लिया गया, लेकिन इतने वर्षों में पहली बार ऐसा प्रतिबंध लगाया गया है।
प्रशासन इस यात्रा को पूरी तरह सुरक्षित बनाना चाहता है, इसलिए इस बार सुरक्षा उपायों को अधिक मजबूत किया गया है। श्रद्धालुओं को अब पारंपरिक मार्गों से ही यात्रा करनी होगी।






