
तेहरान (ईरान), 25 जून 2025:
ईरान और इजराइल के बीच जारी तनाव के बीच अमेरिका द्वारा घोषित युद्धविराम पर अब सवाल उठने लगे हैं। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि यह शांति की पहल नहीं, बल्कि एक रणनीतिक चाल हो सकती है—खासतौर पर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को उनके बंकर से बाहर निकालने के लिए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा युद्धविराम की घोषणा के पीछे की मंशा पर चर्चा तेज हो गई है।
जंग की शुरुआत से ही खामेनेई किसी सीक्रेट अंडरग्राउंड बंकर में छिपे हुए हैं और वहीं से युद्ध की रणनीति संचालित कर रहे हैं। इस दौरान अमेरिका और इजराइल के कई नेताओं ने यह संकेत भी दिए हैं कि जब तक खामेनेई जीवित हैं, तब तक शांति असंभव है। ट्रंप ने यहां तक कहा था कि उन्हें खामेनेई की लोकेशन का पता है और वह अमेरिका के लिए आसान टारगेट हैं, लेकिन फिलहाल उन्हें मारा नहीं जाएगा।
इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू और रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज़ भी खामेनेई को निशाना बनाने की मंशा जाहिर कर चुके हैं। काट्ज़ ने तो यहां तक कहा कि खामेनेई का अंजाम भी सद्दाम हुसैन जैसा किया जाएगा।
इस बीच, माना जा रहा है कि बंकर पर हमले से सफलता नहीं मिलने पर अमेरिका और इजराइल ने मिसाइल हमले बंद कर सीजफायर की घोषणा कर दी है ताकि खामेनेई को यह भरोसा दिलाया जा सके कि खतरा टल गया है और वह बाहर निकलें—और तभी उन पर हमला किया जा सके।
हालांकि ट्रंप ने मीडिया से साफ कहा है कि उनका ईरान में सत्ता परिवर्तन का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि अराजकता फैलाने की बजाय वह शांति चाहते हैं। लेकिन राजनीतिक विश्लेषक इस बयान को अमेरिका की रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं।
ईरान में फिलहाल तनाव की स्थिति बनी हुई है और इस पूरे घटनाक्रम के केंद्र में खामेनेई और उनका बंकर बना हुआ है, जहां से वह पूरी जंग की कमान संभाले हुए हैं।