हरेन्द्र दुबे
गोरखपुर,27 जून 2025:
गोरखपुर के लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर है। अब गंभीर बीमारियों के लिए कारगर मानी जाने वाली आयुर्वेद की प्राचीन पंचकर्म चिकित्सा सुविधा विश्व स्तरीय स्वरूप में शहर में उपलब्ध हो गई है। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय (एमजीयूजी) के आयुर्वेद कॉलेज, गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, में बने अत्याधुनिक पंचकर्म केंद्र का लोकार्पण 1 जुलाई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु करेंगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन का परिणाम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन से संचालित इस केंद्र में 11 कॉटेज, पुरुष और महिला चिकित्सा कक्ष, तैयारी कक्ष व परामर्श कक्ष सहित अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। यहां मरीजों को सिर्फ लागत दर पर इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है।
पंचकर्म: रोगों का जड़ से इलाज
पंचकर्म प्रभारी डॉ. श्रीधर के अनुसार, यहां वमन, विरेचन, नस्ती, नस्य और रक्तमोक्षण जैसी पांच प्रक्रियाओं से नस रोग, मोटापा, अस्थमा, गठिया, स्ट्रोक, थायराइड जैसी बीमारियों का इलाज किया जा रहा है। औसतन प्रतिदिन 50 मरीज पंचकर्म प्रक्रिया करवा रहे हैं।
कानपुर की आकांक्षा, जो ट्राइजेमिनल न्यूरोलजिया जैसी असहनीय बीमारी से परेशान थीं, सिर्फ 15 दिन में यहां इलाज से राहत पा चुकी हैं। वहीं लखनऊ, देवरिया और गोरखपुर से आए कई मरीजों ने भी पंचकर्म चिकित्सा को प्रभावी बताया है।