
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 14 जुलाई 2025:
यूपी की शिवनगरी काशी में चंद्रवंशी गोप सेवा समिति की अगुवाई में यादव समाज के हजारों श्रद्धालुओं ने कलश यात्रा निकाली। रास्ते में शिवालयों के दर्शन करते हुए बाबा विश्वनाथ के धाम पर आकर जलाभिषेक किया। कलश यात्रा ने पूरी काशी को अपने जोश से सम्मोहित कर दिया।

सुबह 8 बजे केदारघाट से शुरू हुई इस कलश यात्रा में यादव समाज शिव भक्ति में लीन होकर आगे बढ़े। कुछ भक्तों ने विभिन्न रूप धारण किए, जो इस यात्रा को मनमोहक बना रहे थे। प्रशासन की अपील का सम्मान करते हुए भक्तों ने दौड़ने से परहेज किया और अनुशासित ढंग से मंदिर की ओर बढ़े। चंद्रवंशी गोप सेवा समिति के अध्यक्ष लालजी यादव के नेतृत्व में यह यात्रा पारंपरिक मार्गों से गुजरी। केदारघाट से शुरू होकर गौरी केदारेश्वर मंदिर, तिलभांडेश्वर महादेव, बड़ी शीतला मंदिर, और अहिलेश्वर महादेव के दर्शन करते हुए यह यात्रा बाबा विश्वनाथ मंदिर पहुंची।
इस बार ललिता घाट पर निर्माण कार्य के कारण जल मणिकर्णिका घाट से लिया गया। काशी विश्वनाथ मंदिर में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए केवल 21 यादव बंधुओं को गर्भगृह में जलाभिषेक की अनुमति दी गई, जबकि बाकी ने बाहर से ही बाबा विश्वनाथ को जल अर्पित किया। जलाभिषेक के बाद भक्तों ने महामृत्युंजय महादेव, त्रिलोचन महादेव, ओंकालेश्वर, और लाट भैरव के दर्शन कर अपनी यात्रा को पूर्ण किया।
समिति के अध्यक्ष ने बताया कि इस परंपरा की जड़ें 1932 में उस समय की हैं, जब देश सूखे और अकाल की चपेट में था। उस समय एक साधु ने सलाह दी थी कि यदि यादव समुदाय काशी में बाबा विश्वनाथ और अन्य शिवालयों में जलाभिषेक करे, तो इस संकट से मुक्ति मिल सकती है। इसके बाद यादव बंधुओं ने एकजुट होकर सावन के पहले सोमवार को भोलेनाथ का जलाभिषेक किया, और काशी को अकाल से राहत मिली। तभी से यह परंपरा हर साल सावन के पहले सोमवार को निभाई जाती है जिसमे यादव समाज उत्साह से शामिल होता है।






