
सना (यमन), 18 जुलाई 2025:
भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी एक बार फिर टल गई है, लेकिन उसका केस एक बार फिर सुर्खियों में है। वजह—जिस इंजेक्शन से उसने यमनी नागरिक तलाल महदी को बेहोश करने की कोशिश की थी, वही उसकी मौत का कारण बना। यह इंजेक्शन ‘केटामाइन’ नामक एक शक्तिशाली एनस्थेटिक दवा से भरा था। निमिषा का दावा है कि उसका इरादा सिर्फ तलाल को बेहोश करने का था, ताकि वह उससे जब्त किया गया पासपोर्ट वापस ले सके।
घटना जुलाई 2017 की है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, तलाल ने निमिषा को ब्लैकमेल किया था और उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया था। इस समस्या से निजात पाने के लिए निमिषा ने यमन में अपने क्लीनिक के पास जेल में तैनात एक वार्डन की सलाह पर बेहोशी का इंजेक्शन देने की योजना बनाई। पहले प्रयास में कोई असर नहीं हुआ क्योंकि तलाल नशे का आदी था। इसके बाद उसने केटामाइन दिया, जिससे तलाल की मौके पर ही मौत हो गई।
घबराकर निमिषा ने अपनी दोस्त हनान को बुलाया जो नर्स थी। दोनों ने शव को टुकड़ों में काटकर पानी की टंकी में फेंक दिया। नतीजतन, हनान को उम्रकैद और निमिषा को मौत की सजा सुनाई गई। हालांकि, अब ब्लड मनी समझौता अधूरा रहने की वजह से फांसी पर रोक लगी है।
केटामाइन क्या है? यह एक डिसोसिएटिव एनस्थेटिक है, जिसका प्रयोग सर्जरी और गंभीर दर्द में किया जाता है। WHO के अनुसार, यह NMDA रिसेप्टर को ब्लॉक कर दिमाग और शरीर के बीच संपर्क को अस्थायी रूप से तोड़ देता है। हालांकि, इसका दुरुपयोग नशे और ‘डेट रेप ड्रग’ के तौर पर भी होता है।
कम मात्रा में सुरक्षित यह दवा, अधिक मात्रा में जानलेवा बन जाती है। 10-15 मिलीग्राम की डोज़ से सांस रुक सकती है और मौत संभव है—जो तलाल के साथ हुआ। यह केस यमन और भारत दोनों देशों में लगातार मानवीय और कानूनी बहस का विषय बना हुआ है।