
नई दिल्ली, 21 जुलाई 2025
भारत की आर्थिक अपराध जांच एजेंसी, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज गूगल और मेटा के वरिष्ठ अधिकारियों को पूछताछ के लिए दिल्ली मुख्यालय में तलब किया है। यह कार्रवाई ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस के तहत की जा रही है। आरोप है कि दोनों टेक कंपनियों ने सरकार की स्पष्ट चेतावनी के बावजूद गैरकानूनी सट्टेबाजी ऐप्स को अपने प्लेटफॉर्म्स पर एड के जरिए प्रमोट किया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईडी जांच कर रही है कि क्या गूगल और मेटा ने न सिर्फ इन ऐप्स को एड स्पेस मुहैया कराया, बल्कि उनसे विज्ञापन के माध्यम से आर्थिक लाभ भी कमाया। यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पहले ही सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और टीवी चैनलों को सट्टेबाजी से जुड़े किसी भी विज्ञापन से दूर रहने की चेतावनी दी थी।
सूत्रों के अनुसार, गूगल और मेटा ने इन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म्स को प्रमोट कर सरकारी एडवाइजरी की अनदेखी की है। ईडी यह भी पता लगा रही है कि इन कंपनियों ने इस प्रचार के एवज में कितना राजस्व अर्जित किया और क्या अन्य संदिग्ध प्लेटफॉर्म्स को भी अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा दिया गया।
फिलहाल गूगल और मेटा की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन आज की पेशी में उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों कंपनियां अपना पक्ष रख सकती हैं। अगर जांच में आरोप सही साबित होते हैं तो दोनों कंपनियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
सरकार का फोकस अब डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर जिम्मेदारी तय करने और गैरकानूनी गतिविधियों पर रोक लगाने की ओर है। माना जा रहा है कि इस केस के बाद ऑनलाइन विज्ञापन नियमन को लेकर और सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।






