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सेना पर टिप्पणी मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को राहत, लेकिन मिली सख्त नसीहत

नई दिल्ली:भारतीय सेना को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा जारी समन पर फिलहाल रोक लगा दी है, लेकिन साथ ही उन्हें सख्त नसीहत भी दी।

सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी से पूछा कि उन्होंने यह बयान संसद में क्यों नहीं दिया और सोशल मीडिया पर क्यों डाला। जस्टिस दत्ता ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, “आपको कैसे पता चला कि चीन ने 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन कब्जा कर ली? क्या आपकी जानकारी विश्वसनीय है? एक सच्चा भारतीय ऐसा नहीं कहेगा।”

कोर्ट ने राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से यह भी कहा कि एक जिम्मेदार नेता को सीमाई मुद्दों पर इस तरह की टिप्पणियों से बचना चाहिए। साथ ही पूछा कि उन्होंने यह मुद्दा संसद में क्यों नहीं उठाया?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भले ही आपको अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त है, लेकिन सीमा से जुड़े मुद्दों पर संयम जरूरी है। अदालत ने यह भी कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट में गांधी के वकील ने अलग रुख अपनाया था।

राहुल गांधी पर यह मामला दिसंबर 2022 की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिए गए एक बयान को लेकर दर्ज हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा था कि “चीन ने भारत के 2000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है और अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सैनिकों की पिटाई की है।”

इस बयान को लेकर उत्तर प्रदेश के लखनऊ में उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था और निचली अदालत ने उन्हें समन भेजा था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी, जिसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने तीन सप्ताह में केंद्र और शिकायतकर्ता से जवाब मांगा है और तब तक ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। मामले की अगली सुनवाई आगामी हफ्तों में हो सकती है।

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