
नई दिल्ली, 5 अगस्त 2025
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को कहा कि संसद में विरोध के बावजूद सरकार पर अपने विधेयकों को पारित कराने का दबाव और आवश्यकता है। मंत्री किरेन रिजिजू का यह बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्ष द्वारा एसआईआर में लगातार बाधा डालने से दोनों सदनों के सामान्य कामकाज की उम्मीदें धूमिल हो गई हैं।
सोमवार को जहां लोकसभा में बहुत कम सूचीबद्ध कार्य हुआ, वहीं राज्यसभा की कार्यवाही अपने सदस्य और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के सम्मान में स्थगित कर दी गई, जिनका आज सुबह निधन हो गया।
रिजिजू ने कहा कि सरकार संसद में अपने विधेयकों पर व्यापक बहस चाहती है, लेकिन उसे मंगलवार से ही इन्हें पारित कराने के लिए “राष्ट्रीय हित” में प्रयास करना होगा, क्योंकि प्रस्तावित विधेयक प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
विपक्षी दलों पर हमला करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि वे राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक पर दो दिवसीय बहस के लिए सहमत हुए थे, जिन्हें सोमवार को लोकसभा में विचार और पारित करने के लिए एक साथ रखा जाना था, लेकिन उन्होंने कार्यवाही में बाधा डाली।
विपक्षी दल मांग कर रहे हैं कि सरकार संसद में अपना विधायी एजेंडा पेश करने से पहले बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा की उनकी मांग पर सहमत हो। हालांकि, मंत्री ने स्पष्ट किया कि एसआईआर पर संसद में चर्चा नहीं हो सकती क्योंकि यह चुनाव आयोग की प्रशासनिक कार्रवाई और कार्यप्रणाली का हिस्सा है।
रिजिजू ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पूर्व अध्यक्ष बलराम जाखड़ के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि संसद चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था के कामकाज पर चर्चा नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि संसद चुनाव सुधारों पर चर्चा कर सकती है, लेकिन चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर नहीं। उन्होंने कहा कि चुनाव निगरानी संस्था ने पहले भी एसआईआर का आयोजन किया है।
पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंधुर पर दोनों सदनों में दो दिनों की बहस को छोड़कर, 21 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से संसद की कार्यवाही पूरी तरह से स्थगित रही है। बिहार में एसआईआर गतिविधि के खिलाफ विपक्षी दलों के कड़े विरोध के मद्देनजर कार्यवाही बाधित हुई थी।






