
नई दिल्ली | 08 अगस्त 2025
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर सियासी समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं। एक ही दिन में हुईं दो अहम राजनीतिक मुलाकातों ने महाविकास आघाड़ी (MVA) की एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दिल्ली में INDIA गठबंधन की बैठक में शामिल हुए उद्धव ठाकरे जहां केंद्र सरकार पर हमलावर दिखे, वहीं उसी दिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की नेता सुप्रिया सुले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सियासी हलचल बढ़ा दी।
इस मुलाकात की टाइमिंग को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हैं, क्योंकि सुप्रिया सुले को उसी समय राहुल गांधी की अगुवाई में INDIA गठबंधन की बैठक में शामिल होना था। राजनीतिक विश्लेषक इसे एक “सियासी संकेत” मान रहे हैं। हालांकि, बाद में सुप्रिया सुले राहुल गांधी के डिनर में शामिल भी हुईं। इसके साथ ही शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी प्रधानमंत्री से शिष्टाचार भेंट की, जिसे औपचारिक बताया गया, लेकिन माहौल को देखते हुए इस मुलाकात को भी हल्के में नहीं लिया जा रहा।
इसी दिन महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी दिल्ली पहुंचे और उन्होंने अपने परिवार के साथ पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने राज्य की “राजनीतिक अस्थिरता” पर भी चर्चा की। इस बीच शिंदे और सीएम देवेंद्र फडणवीस के बीच बढ़ते मतभेदों की खबरें पहले से ही चर्चा में हैं।
शरद पवार गुट का केंद्र की ओर नरम रुख पहले भी सामने आता रहा है। हाल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुप्रिया सुले ने केंद्र के प्रति सहानुभूति जताई थी। अब जबकि उद्धव ठाकरे केंद्र पर हमलावर हैं और सहयोगी दल की नेता पीएम से मिल रही हैं, सवाल उठना स्वाभाविक है—क्या महाविकास आघाड़ी भीतर से बिखर रही है?
इंडिया गठबंधन के कुछ नेताओं ने इस घटनाक्रम पर नाराजगी जताई है। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि महाराष्ट्र में अंदरूनी खींचतान किसी बड़े बदलाव की ओर संकेत कर रही है।