लखनऊ, 31 अगस्त 2025:
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने NEET-2025 के तहत कन्नौज, सहारनपुर, अंबेडकरनगर और जालौन के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में हुए एडमिशन को रद्द कर दिया है। इन कॉलेजों में सीटों को फिर से भरने का आदेश दिया है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष आरक्षण शासनादेशों को रद्द करते हुए राज्य सरकार को उत्तर प्रदेश आरक्षण अधिनियम 2006 के तहत ही दाखिला देने को कहा है।
यह फैसला न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने NEET-2025 की एक अभ्यर्थी सबरा अहमद की याचिका पर सुनाया। याचिकाकर्ता ने इन मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए आरक्षण की स्वीकृत सीमा का मुद्दा उठाया था। याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण के लिए अधिनियम बनाया था, लेकिन इन मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए इस अधिनियम में तय 50% की सीमा का उल्लंघन करके सीटें भरी गईं।
याची का तर्क था कि सरकार ने शासनादेश जारी कर 50% से अधिक आरक्षण दिया, जो कानून के खिलाफ है। दूसरी ओर, राज्य सरकार ने याचिका का विरोध किया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आरक्षण की सीमा तय करने वाले राज्य सरकार के आदेश आरक्षण अधिनियम 2006 के खिलाफ हैं। कोर्ट ने साफ किया कि सरकार द्वारा निर्धारित 50% की आरक्षण सीमा का उल्लंघन बिना किसी कानूनी प्राधिकार के नहीं किया जा सकता।
इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने 2010 से 2015 के बीच जारी उन छह शासनादेशों को रद्द कर दिया, जिन्होंने आरक्षण की सीमा का उल्लंघन किया था। कोर्ट ने चिकित्सा शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि इन चारों मेडिकल कॉलेजों की सीटों को आरक्षण अधिनियम 2006 के अनुसार फिर से भरने की प्रक्रिया शुरू करें।