
देहरादून, 30 सितंबर 2025:
उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। कार्डियोलॉजी विभाग में 16 बेड की कोरोनरी केयर यूनिट (CCU) स्थापित करने के लिए 8.08 करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन यह यूनिट कभी चालू ही नहीं हो सकी।
जांच में सामने आया कि ठेकेदार कंपनी ने अधूरी और घटिया गुणवत्ता के उपकरण सप्लाई किए। कई उपकरणों की डिलीवरी ही नहीं हुई, जबकि कुछ सामान मौके से गायब पाया गया। हैरानी की बात यह है कि इस पूरे मामले से संबंधित टेंडर फाइल भी रिकॉर्ड से गायब है।
यह मामला वर्ष 2017 का है, जब दिल्ली की कंपनी एमएस प्रो मेडिक डिवाइसेस को यह ठेका दिया गया था। 2019-20 में दो किस्तों में उपकरण भेजे गए और भुगतान के रूप में एम्स ने कंपनी को 8.08 करोड़ रुपये दे दिए। इसके बावजूद सीसीयू का संचालन शुरू नहीं हो पाया।
गत मार्च में सीबीआई और एम्स अधिकारियों की संयुक्त जांच में गंभीर अनियमितताओं की पुष्टि हुई। इसके आधार पर सीबीआई एसीबी देहरादून ने पूर्व निदेशक डॉ. रविकांत, पूर्व खरीद अधिकारी डॉ. राजेश पसरीचा, पूर्व स्टोर कीपर रूप सिंह समेत अज्ञात सरकारी और निजी व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। CBI अब पूरे मामले की गहन जांच कर रही है।






