उन्नाव, 5 नवंबर 2025 :
कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर बुधवार को उन्नाव जिले के शुक्लागंज स्थित गंगा घाटों पर श्रद्धा और भक्ति का अनोखा संगम देखने को मिला। सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया था। जैसे-जैसे सूरज की किरणें फैलीं, गंगा तटों पर “हर-हर गंगे” और “जय मां गंगे” के जयकारे गूंज उठे। पूरा क्षेत्र भक्ति और उल्लास से सराबोर हो गया।

सुबह चार बजे से ही गंगा घाट, मिश्रा घाट और आनंद घाट पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद पूजा-अर्चना कर दीपदान किया। जल में तैरते दीपों की चमक ने घाटों को स्वर्ग समान बना दिया। कई श्रद्धालुओं ने सत्यनारायण कथा का आयोजन कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
सिर्फ उन्नाव ही नहीं, बल्कि आसपास के शहरों—कानपुर, लखनऊ, बाराबंकी, पुरवा और नवाबगंज से भी हजारों श्रद्धालु इस पुण्य स्नान के लिए पहुंचे थे। दूर-दराज़ से आए श्रद्धालुओं के कारण घाटों के रास्तों पर भीड़ बढ़ गई, लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पूरे इंतजाम किए। पुलिस बल, एनडीआरएफ टीम और स्वयंसेवक लगातार भीड़ को नियंत्रित करने में जुटे रहे। दोपहिया वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था की गई और चारपहिया वाहनों की एंट्री पर रोक लगाई गई।
गंगाघाट क्षेत्र में स्थित घरों और मंदिरों में ‘तुलसी विदाई’ की परंपरा भी पूरी श्रद्धा के साथ निभाई गई। महिलाओं ने तुलसी माता को जल चढ़ाकर दीपदान किया और अपने परिवार की सुख-शांति और समृद्धि की प्रार्थना की। गीत-संगीत और आरती की ध्वनि से पूरा इलाका दिव्यता से भर गया।
इस अवसर पर गंगा तटों के पास सजे मेले में भी रौनक देखने लायक थी। महिलाओं ने साज-सज्जा और पूजा सामग्री की खरीदारी की, जबकि बच्चों ने झूले और फूड स्टॉल्स पर जमकर मस्ती की। गोलगप्पे, चाट और चाऊमीन की खुशबू पूरे मेले में बिखरी रही। कार्तिक पूर्णिमा का यह उत्सव न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक बना, बल्कि पूरे शहर में आनंद और अपनापन का माहौल भी लेकर आया।






