एमएम खान
मोहनलालगंज (लखनऊ), 10 नवंबर 2025:
निगोहां क्षेत्र के शेरपुरलवल गांव में सोमवार को चकबंदी को लेकर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। जैसे ही ग्रामीणों को पता चला कि चकबंदी विभाग के अधिकारी गांव आने वाले हैं, सैकड़ों किसान सड़क पर उतर आए और जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। बढ़ते विरोध को देखकर अधिकारी निगोहां थाने से ही बैरंग लौट गए, जिसके बाद ग्रामीण शांत हुए।
बता दें कि गांव में पिछले 13 वर्षों से चकबंदी का विवाद चल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें अपनी मौजूदा ज़मीन की स्थिति पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन विभाग बार-बार चकबंदी लागू करने की कोशिश कर रहा है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रघुराज, ग्रामीण शैलेन्द्र वर्मा, प्रदीप बाजपेई, मनीष सहित अन्य लोगों ने बताया कि गांव के अधिकांश लोग चकबंदी नहीं चाहते।
उनका कहना है कि सिर्फ कुछ प्रॉपर्टी डीलर अपने स्वार्थ के लिए यह सब करा रहे हैं। गांव में कई बार मतदान कराया गया, जिसमें 85 फीसदी तक लोगों ने चकबंदी के खिलाफ वोट दिया था। फिर भी विभाग जबरन लागू करने की कोशिश कर रहा है।
ग्रामीणों के मुताबिक, सोमवार को चकबंदी विभाग के अधिकारी बिना पूर्व सूचना के निगोहां थाने पहुंचे थे। पुलिस बल की व्यवस्था न होने और गांव में सैकड़ों किसानों के विरोध की खबर मिलने पर अधिकारी थाने से ही वापस लौट गए।
शेरपुरलवल गांव में यह विवाद नया नहीं है। 25 नवंबर 2018 को हस्ताक्षर अभियान में 240 किसानों ने चकबंदी से इनकार किया था, जबकि केवल 103 ने समर्थन किया था। तीन वर्ष पहले 383 ग्रामीणों ने डीएम और अन्य अफसरों को ज्ञापन देकर चकबंदी न कराए जाने की गुहार लगाई थी।
इसी तरह 22 मार्च 2019 को चकबंदी कर्मचारी अकबर अली नोटिस लेकर गांव पहुंचे थे, तब चार दर्जन किसानों ने नोटिस लेने से इनकार कर उन्हें बंधक बना लिया था। एक बार फिर ग्रामीणों ने दो टूक कहा है कि अगर विभाग जबरन चकबंदी लागू करने की कोशिश करता है तो वे फिर से आंदोलन करेंगे।






