लखनऊ, 12 नवंबर 2025 :
भारतीय शेयर बाजार में घरेलू निवेशकों का भरोसा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस साल घरेलू बीमा कंपनियों और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) ने अब तक रिकॉर्ड 1.08 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह अब तक का सबसे बड़ा निवेश है और पिछले साल के मुकाबले लगभग दोगुना है।
बीमा कंपनियों और NPS ने दोगुना किया निवेश
रिपोर्ट के मुताबिक, बीमा कंपनियों ने इस साल की शुरुआत से अब तक 56,821 करोड़ रुपये इक्विटी में लगाए हैं, जबकि NPS की ओर से 51,308 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। पिछले साल इन दोनों का कुल निवेश करीब 36,000 करोड़ था। इस बार के आंकड़े से साफ है कि इन संस्थानों ने बाजार पर पूरा भरोसा जताया है।
सुस्त बाजार में बढ़ा भरोसा
दिलचस्प बात यह है कि यह निवेश ऐसे समय में हुआ जब शेयर बाजार का प्रदर्शन बहुत तेज नहीं था। विश्लेषकों का कहना है कि नियमों में ढील और एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) बढ़ने की वजह से बीमा कंपनियों और NPS ने बेहतर रिटर्न पाने के लिए इक्विटी में अपना निवेश बढ़ाया। पीएफआरडीए (PFRDA) ने हाल ही में अपने नियमों में बदलाव किया है, जिसके तहत अब टियर-1 एनपीएस खातों में 75% तक और टियर-2 खातों में 100% तक इक्विटी निवेश की अनुमति दी गई है। इससे निवेश के मौके और बढ़ गए हैं।
म्यूचुअल फंड्स और दूसरे निवेशकों की बड़ी भागीदारी
म्यूचुअल फंड्स जैसे अन्य घरेलू संस्थागत निवेशकों ने भी इस साल इक्विटी में 4.44 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो पिछले साल के 4.15 लाख करोड़ से अधिक है। वहीं, बैंकों और कुछ वित्तीय संस्थानों ने क्रमशः 16,941 करोड़ और 158 करोड़ की बिकवाली की है। बीमा नियामक IRDAI से मिली छूट के कारण बीमा कंपनियों को अब सरकारी प्रतिभूतियों में हिस्सेदारी रखते हुए इक्विटी निवेश की अनुमति मिल गई है, जिससे उन्हें निवेश का दायरा बढ़ाने में मदद मिली है।
विदेशी बिकवाली के बीच घरेलू निवेशक बने बाजार का सहारा
जब विदेशी निवेशक (FII) भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं, तब घरेलू निवेशक लगातार शेयर खरीदकर बाजार को स्थिरता दे रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी निवेशक अभी सस्ते वैल्यूएशन वाले बाजारों में पैसा लगाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं, लेकिन भारतीय बाजार की मजबूत अर्थव्यवस्था और कंपनियों की बेहतर कमाई उन्हें आगे दोबारा आकर्षित कर सकती है। 2025-26 की दूसरी तिमाही में भारतीय कंपनियों के नतीजे उम्मीद से बेहतर रहे हैं, खासकर मिडकैप कंपनियों की आय में 14% सालाना वृद्धि दर्ज की गई है।
घरेलू निवेशकों की ताकत बनी बाजार की नई पहचान
कुल मिलाकर, घरेलू बीमा कंपनियों, एनपीएस और म्यूचुअल फंड्स का बढ़ता निवेश यह दिखाता है कि भारतीय निवेशक अब बाजार की अस्थिरता से नहीं डरते, बल्कि लंबे समय के लिए इक्विटी में भरोसा जता रहे हैं।






