बाराबंकी, 15 दिसंबर 2025:
आठवें वेतन आयोग में संशोधन की मांग को लेकर आज स्थानीय गन्ना कार्यालय परिसर में सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने धरना दिया और सरकार की कर्मचारी शिक्षक विरोधी नीतियों के खिलाफ जम कर नारेबाजी की। धरना सभा में शिक्षक महासंघ के प्रतिनिधियों ने भी भागीदारी की।
सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष बाबू लाल वर्मा ने कहा कि वेतन आयोगों के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि पुराने पेंशनर्स को आयोग की परिधि से बाहर कर दिया गया है जिससे पेंशनर समाज में निराशा एवं आक्रोश है। ऐसे में आन्दोलन को आगे बढ़ाने के अलावा संगठन के पास कोई विकल्प नहीं है। जिलाध्यक्ष ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि वे इसमें हस्तक्षेप कर समस्या का निदान करें, ताकि पेंशनर समाज में पनप रहा आक्रोश समाप्त हो सके।

धरना सभा में शिक्षक महासंघ के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया। माध्यमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष एसपी सिंह ने कहा कि यदि एक अप्रैल 2024 के पूर्व से मिल रही पेंशन गैर अंशदायी और गैर वित्त पोषित है तो वही व्यवस्था अद्यतन लागू होनी चाहिए। इसके लिए हम सभी साथी सड़क से संसद तक लड़ेंगे और इसमें कोई परिवर्तन नहीं होने देंगे। सभा को माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष वीके सिंह ने भी सम्बोधित किया
धरना सभा के अन्त में प्रधानमंत्री को भेजे जाने हेतु ज्ञापन सर्वसम्मति से पारित हुआ। ज्ञापन धरना स्थल पर आए जिलाधिकारी के प्रतिनिधि नायब तहसीलदार आशुतोष उपाध्याय ने लिया। पेंशनर्स की मांगों में वित्त विधेयक 2025 में सेवानिवृत्ति की तिथि के आधार पर भेदभाव करने वाले प्रावधान को हटाया जाए। आठवें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस में 01 जनवरी 2026 से पहले सेवानिवृत्त कर्मचारियों एवं शिक्षकों के पेंशन पुनरीक्षण और अन्य पेंशनरी लाभ शामिल किए जाएं। पेंशन को गैर-अंशदायी और गैर-वित्त पोषित बताने वाले क्लॉज संख्या F-3 को समाप्त किया जाए व पेंशन राशिकरण पर की जा रही कटौती की अवधि 15 वर्ष से घटाकर 10 वर्ष करना शामिल रहा।
सभा को प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष पवन वर्मा, एसोसिएशन के जिला मंत्री अशोक सोनी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओम प्रकाश वर्मा, उपाध्यक्ष सर्वजीत यादव, सुरेन्द्र कुमार वर्मा, सुशीला बाजपेई ने भी सम्बोधित किया।






