
मुंबई, 14 अक्टूबर 2024
एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति और प्रमुख उद्योगपति मुकेश अंबानी ने देश में इंटरनेट उपयोग के क्षेत्र में क्रांति ला दी है, जिससे करोड़ों लोग लाभान्वित हो रहे हैं। हाल ही में, रिलायंस जियो ने भारत सरकार से सैटेलाइट स्पेक्ट्रम के लिए पारदर्शी नीलामी आयोजित करने और टेलीकॉम रेगुलेटर के कंसल्टेशन पेपर में बदलाव करने की अपील की है, ताकि सैटेलाइट और टेलीकॉम नेटवर्क के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित हो सके।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जियो ने संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक पत्र लिखा है जिसमें स्टारलिंक, अमेज़न कुइपर और भारत में एसईएस के साथ अपने संयुक्त उद्यम के माध्यम से सैटेलाइट सेवाओं में बढ़ती दिलचस्पी को उजागर किया गया है। ये सैटेलाइट सेवाएँ सीधे टेलीकॉम नेटवर्क के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकती हैं, जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर और विविध सेवाएं मिलेंगी।
जियो का कहना है कि टेलीकॉम नेटवर्क स्पेक्ट्रम की नीलामी के जरिए इसे प्राप्त करते हैं, इसलिए समान प्रक्रिया सैटेलाइट सेवाओं के लिए भी अपनाई जानी चाहिए ताकि सभी के लिए निष्पक्षता बनी रहे। कंपनी ने इससे पहले टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के समक्ष यह मुद्दा उठाया था, लेकिन उसे कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।
जियो ने संचार मंत्री से आग्रह किया है कि वह हस्तक्षेप करें ताकि TRAI अपने कंसल्टेशन पेपर में इन मुद्दों को सम्मिलित कर सके और स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए एक निष्पक्ष, पारदर्शी और प्रतिस्पर्धात्मक नीति अपनाई जा सके। कंपनी ने TRAI के उस प्रस्ताव की भी आलोचना की है, जिसमें स्पेक्ट्रम आवंटन ‘पहले आओ पहले पाओ’ की आधारहीन नीति पर आधारित है।
जियो ने अपने पत्र में कहा है कि “हम आपसे अनुरोध करते हैं कि ट्राई को निर्देशित करें कि वह अपने कंसल्टेशन पेपर में इन आवश्यक मुद्दों को शामिल करे और सुनिश्चित करे कि स्पेक्ट्रम आवंटन प्रक्रिया दूरसंचार अधिनियम और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों द्वारा स्थापित निष्पक्षता, पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा के सिद्धांतों पर आधारित हो।







