लखनऊ, 30 दिसंबर 2025:
साल 2025 उत्तर प्रदेश के श्रम विभाग और श्रमिकों के लिए एक अहम और बदलाव भरा साल रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में श्रम एवं सेवायोजन विभाग ने श्रमिकों के हितों को मजबूती देने के साथ-साथ प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर बनाने के लक्ष्य में भी योगदान दिया। इसी साल केंद्र सरकार ने चार श्रम संहिताओं को लागू किया, जिन्हें श्रमिकों के अधिकारों और सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन डॉ. शन्मुगा सुंदरम के अनुसार, योगी सरकार की सुधारात्मक नीतियों का प्रत्यक्ष परिणाम यह रहा कि वर्ष 2025 तक प्रदेश में कारखानों का पंजीकरण पिछले आठ वर्षों की तुलना में दोगुना से अधिक हो गया। इससे रोजगार के नए अवसर सृजित हुए और औद्योगिक माहौल मजबूत हुआ। विशेष रूप से महिला कर्मकारों के लिए नए अवसरों के द्वार खुले और उन्हें सुरक्षित, सशक्त और सुविधा संपन्न कार्यपरिस्थितियां उपलब्ध कराई गईं।

लंबित श्रम वादों की सुनवाई को त्वरित, पारदर्शी और सरल बनाने के लिए श्रम विभाग ने “श्रम न्याय सेतु ,लेबर ई-कोर्ट प्लेटफॉर्म” का 26 अगस्त 2025 को शुभारंभ किया। यह डिजिटल पहल न केवल पेपरलेस गवर्नेंस का उदाहरण बनी, बल्कि इसे 19वें नेशनल डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन अवार्ड्स 2025 में पेपरलेस गवर्नेंस चैंपियन श्रेणी में सम्मानित किया गया।
युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन का गठन किया गया। रोजगार संगम पोर्टल के माध्यम से MEA पंजीकृत 5 रिक्रूटमेंट एजेंसियों को जोड़ा गया, जिससे अंतरराष्ट्रीय प्लेसमेंट में तेजी आई। रोजगार महाकुंभ 2025 में 16,000 से अधिक युवाओं को चयन और प्लेसमेंट मिला, जबकि 1,612 युवाओं को विदेश में रोजगार के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया। वाराणसी में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मोबिलिटी कॉन्क्लेव 2025 में भारत सरकार, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और उद्योग संघों ने भाग लेकर एकीकृत अंतरराष्ट्रीय रोजगार सुविधा तंत्र का रोडमैप तैयार किया।
‘माइक्रोसॉफ्ट आरोग्य शक्ति अभियान’, आरोग्य संकल्प पत्र और AAA+ App का शुभारंभ किया गया, जिससे श्रमिक घर बैठे स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले सकेंगे। निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट शुरू की गई, पहले चरण में 10,000 श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण लक्ष्य रखा गया। इसके अलावा, 18 जनपदों में अटल आवासीय विद्यालयों की निगरानी हेतु 360 डिग्री लाइव मॉनिटरिंग सेंटर की स्थापना की गई और निर्माण स्थलों पर RPL प्रशिक्षण शुरू किया गया। बोर्ड ने कन्या विवाह सहायता योजना में आर्थिक सहायता बढ़ाई और सामूहिक विवाह के लिए भी विशेष धनराशि प्रदान की।






