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जया बच्चन के एक मौके ने बदल दी अरशद वारसी की किस्मत, बॉलीवुड के चहेते ‘सर्किट’ की अनकही दास्तां

मुंबई,19 अप्रैल 2025

अरशद वारसी, जो आज अपना 57वां जन्मदिन मना रहे हैं, बॉलीवुड के सबसे चहेते और प्रतिभाशाली अभिनेताओं में से एक हैं। ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ के ‘सर्किट’ के रूप में उन्होंने दर्शकों के दिलों में जो जगह बनाई है, वह आज भी बरकरार है। लेकिन इस मुकाम तक पहुंचना उनके लिए आसान नहीं था।

मुंबई में 1968 में जन्मे अरशद की शुरुआती जिंदगी काफी संघर्षपूर्ण रही। 14 साल की उम्र में पिता के निधन के बाद उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी और जीवन यापन के लिए उन्होंने सेल्समैन की नौकरी की। हालांकि, बचपन से डांस के प्रति उनका लगाव उन्हें कोरियोग्राफर की ओर ले गया। उन्होंने अकबर सामी से डांस सीखा और फिल्मों में कोरियोग्राफी की शुरुआत की।

उनकी किस्मत तब बदली जब जया बच्चन ने उन्हें अपनी प्रोडक्शन कंपनी की फिल्म ‘तेरे मेरे सपने’ (1996) में लीड रोल दिया। यह फिल्म भले ही बॉक्स ऑफिस पर खास न चली हो, लेकिन अरशद की अभिनय प्रतिभा को पहचान मिल गई।

साल 2003 में आई ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ ने उन्हें ‘सर्किट’ के किरदार के जरिए वो लोकप्रियता दिलाई, जो उनके करियर का टर्निंग पॉइंट बन गई। इसके बाद ‘लगे रहो मुन्नाभाई’, ‘गोलमाल’ सीरीज, ‘धमाल’, ‘जॉली एलएलबी’ जैसी फिल्मों में उनकी कॉमिक टाइमिंग ने दर्शकों को खूब हंसाया।

अरशद ने ‘सेहर’, ‘इश्किया’ और वेब सीरीज ‘असुर’ जैसी गंभीर भूमिकाओं में भी अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया। कम ही लोग जानते हैं कि वो एक बेहतरीन पेंटर भी हैं। उनकी पत्नी मारिया गोरेट्टी भी एक जानी-मानी अभिनेत्री रही हैं।

आज अरशद वारसी सिर्फ एक एक्टर नहीं, बल्कि मेहनत, जुनून और कला के प्रतीक हैं, जिन्होंने हर रोल में अपनी छाप छोड़ी है।

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